धारा 370 कश्मीर में उद्योग और निवेश पर अड़चन
जम्मू, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। धारा 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर में निवेश में अड़चन आ रही है।
एक अध्ययन में ज्ञात हुआ है कि जम्मू-कश्मीर में उद्योग एवं निवेश, विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास करने की काफी संभावनाएं हैं।
एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा कराए गए इस नए अध्ययन 'जम्मू और कश्मीर : औद्योगिक क्रांति के प्रयास' में राज्य में 280 अरब रुपये के निवेश की संभावना व्यक्त की गई है।
अध्ययन के अनुसार निवेश से राज्य में बेरोजगारी की समस्या दूर हो सकती है।
जिन क्षेत्रों में निवेश और रोजगार की बात की गई है उनमें पनबिजली परियोजनाएं, पर्यटन, कृषि, बागवानी, हथकरघा और सूचना-प्रौद्योगिकी प्रमुख हैं।
एसोचैम के अध्यक्ष वेणुगोपाल एन. धूत का कहना है, "धारा 370 जमीन खरीदने के मार्ग में अड़चन बन रही है हालांकि राज्य एवं केंद्र सरकार ने इस दिशा में जरूर एक तरीका निकाला है।"
धूत के अनुसार, "जमीन का संपूर्ण अधिकार जरूर काम आसान करेगा।" उन्होंने बताया कि कश्मीर घाटी की आबोहवा आईटी उद्योग के मुफीद है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन का सही तरीके से विज्ञापन करना होगा।
धूत कहते हैं, "हमारे लिए जम्मू-कश्मीर में देश के किसी भी अन्य हिस्से की तरह शांति है।" उन्होंने बताया कि व्यावसायिक संस्थानों ने राज्य में निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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