दुनिया के मधुमेह मरीजों में 20 प्रतिशत भारतीय (विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष)
नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी विश्व स्वास्थ्य दिवस पर देशभर में चिकित्सा जगत की प्रतिष्ठित हस्तियां बड़े-बड़े दावें करती नहीं थकेंगी।
नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी विश्व स्वास्थ्य दिवस पर देशभर में चिकित्सा जगत की प्रतिष्ठित हस्तियां बड़े-बड़े दावें करती नहीं थकेंगी।
कहीं झुग्गी-झोपड़ियों में चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे तो कहीं मुफ्त दवाइयां बांटी जाएंगी। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा रिपोर्ट के मद्देनजर उक्त प्रयासों को केवल औपचारिकता कहना लगता नहीं होगा।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में मधुमेह से पीड़ित कुल मरीजों में 20 फीसदी भारतीय हैं। आलम यह है कि भारत को अब विश्व की 'मधुमेह राजधानी' की संज्ञा दी गई है।
यही नहीं सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद विश्व में सर्वाधिक तपेदिक व पोलियो पीड़ित भी इस देश में मौजूद हैं। इसी प्रकार एचआईवी संक्रमण के लिहाज से भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है।
बूढ़े तो बूढ़े यहां बच्चों की सेहत भी काफी खराब है। यूनीसेफ द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष 21 लाख बच्चें अपना पांचवां जन्मदिन भी नहीं मना पाते हैं।
दुखद पहलू तो यह है कि जन्म के लगभग 20 दिनों के भीतर दम तोड़ने वाले दुनियाभर के कुल शिशुओं में एक चौथाई भारतीय शिशु शामिल हैं।
इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव नरेश दयाल ने आईएएनएस से कहा, "हमें अभी काफी कुछ करना है। फिलहाल हम संक्रामक रोगों के उन्मूलन पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। "
गोयल कहते हैं कि बदलती जीवनशैली के कारण विकसित देशों की तरह हमारे देश में भी नई बीमारियां पैर पसारने लगी हैं। लोगों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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