बिजली संकट का समाधान ढूंढ़ता पाकिस्तान
इस्लामाबाद, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। दुनिया में बिजली संकट लगातार बढ़ता जा रह है। पाकिस्तान को मार्च में जितनी बिजली की जरूरत थी उससे लगभग तीन हजार मेगावाट कम उपलब्धता थी। यहां लोग कई कई घंटे तक बिना बिजली के गुजारा करने को मजबूर हो गए हैं।
इस्लामाबाद, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। दुनिया में बिजली संकट लगातार बढ़ता जा रह है। पाकिस्तान को मार्च में जितनी बिजली की जरूरत थी उससे लगभग तीन हजार मेगावाट कम उपलब्धता थी। यहां लोग कई कई घंटे तक बिना बिजली के गुजारा करने को मजबूर हो गए हैं।
प्रधानमंत्री सय्यद यूसुफ रज़ा गिलानी को आतंकवाद के साथ 'ऊर्जा संकट' को भी देश के मुख्य समस्या के रूप में देखना होगा।
दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के आंकड़ों के अनुसार हर साल प्रति व्यक्ति मात्र 546 किलोवाट प्रति घंटे बिजली खपत के बावजूद यहां के लोगों को इस संकट से दो चार होना पड़ रहा है। यह आंकड़ा बिजली खपत के मामले में वैश्विक आंकड़ा 2,586 किलोवाट प्रति घंटे का पांचवां भाग है।
समाचार एजेंसी 'डीपीए' के अनुसार इस परेशानी का मुख्य कारण पाकिस्तान में नए पावर प्लांट का तैयार न हो पाना माना जा रहा है। परिणामस्वरूप पाकिस्तान में लोग जेनरेटर के भरोसे अपने काम निपटाने को मजबूर हो गए हैं।
वर्तमान में पाकिस्तान की 19,500 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता है।
वहां के कोयला प्लांट की बदहाल स्थिति के कारण उससे बिजली संकट दूर करने की कोशिश नहीं की जा सकती है इसलिए न्यूक्लियर प्लांट और बांधों के अलावा सौर और वायु शक्ति को इसके लिए प्रयोग किया जा रहा है।
प्रकृति के विश्व स्तरीय कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के उपाध्यक्ष एजाज़ अहमद ने डीपीए से बताया, "इन सब से निपटने के लिए जनता का जागरूक होना जरूरी है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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