उड़ीसा तट पर बंदरगाह निर्माण के कारण दुर्लभ कछुओं का अस्तित्व खतरे में
भुवनेश्वर, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। उड़ीसा के 'गहिरमठा मैरिन सेंक्चुरी' के निकट बंदरगाह निर्माण के लिए की जा रही है खुदाई ने दुर्लभ 'ओलिव रिडले कछुओं' के प्रजनन पर काफी बुरा प्रभाव डाला है। यह कहना है एक पर्यावरण संरक्षण समूह का।
हर साल फरवरी व मार्च के महीने में हजारों की संख्या में ये कछुए इस सेंक्चुरी के निकट नासी द्वीप पर प्रजनन के लिए आते हैं, लेकिन इस साल यहां एक भी नहीं आया।
पर्यावरणविदों का आरोप है कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि यहां से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर एक बंदरगाह के निर्माण के लिए समुद्र में खुदाई की जा रही है।
पर्यावरण संरक्षण समूह के समन्वयक बिश्वजीत मोहंती ने आईएएनएस को बताया, "पिछले साल लगभग दो लाख कछुए इस द्वीप पर प्रजनन के लिए आए थे, लेकिन इस वर्ष वे प्रजनन के लिए यहां नहीं आए।"
उन्होंने बताया कि हो सकता है की कछुओं ने प्रजनन के लिए अपना स्थान बदल कर रसकलिया नदी के मुहाने को चुन लिया हो। यह जगह कछुओं के प्रजनन के लिए उड़ीसा के तीन तटीय इलाकों में से एक है।
संरक्षण समूह की रिपोर्ट में कहा गया है कि बंदरगाह के निर्माण कार्य ने कछुओं के प्रजनन को प्रभावित किया है जिसके कारण उन्होंने गहिरमाठा छोड़ा है। दुर्लभ कछुओं को बचाने के लिए जरूरी है कि बंदरगाह का निर्माण दूसरे जगह किया जाए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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