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(नव विक्रम संवत पर विशेष) उतार-चढ़ाव भरा रहेगा यह नव संवत्सर

By Staff
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जयपुर, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। वैसे तो दुनियाभर में कईं सन् - संवत् माने जाते हैं लेकिन भारतीय विक्रम संवत् ही पूर्ण रूप से वैज्ञान सम्मत माना जाता है। हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नव विक्रम संवत की शुरुआत होती है। सृष्टि का आरंभ ही इसी दिन से हुआ माना जाता है। सोलह अवतारों में से सर्वप्रथम मत्स्यावतार भी इसी दिन हुए थे। नव संवत्सर के शुभारंभ होने के वार को वर्ष का राजा माना जाता है।

जयपुर, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। वैसे तो दुनियाभर में कईं सन् - संवत् माने जाते हैं लेकिन भारतीय विक्रम संवत् ही पूर्ण रूप से वैज्ञान सम्मत माना जाता है। हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नव विक्रम संवत की शुरुआत होती है। सृष्टि का आरंभ ही इसी दिन से हुआ माना जाता है। सोलह अवतारों में से सर्वप्रथम मत्स्यावतार भी इसी दिन हुए थे। नव संवत्सर के शुभारंभ होने के वार को वर्ष का राजा माना जाता है।

इस वर्ष नव संवत्सर 2065 का प्रारंभ रविवार के दिन हो रहा है। इसलिए पश्चिमी भारत में इस वर्ष के राजा सूर्य होंगे और पूर्वी भारत में चन्द्रमा। नए वर्ष के मंत्री भी सूर्य देव ही रहेंगे। खरीफ की फसल के स्वामी बुध तथा रबी की फसल के स्वामी चन्द्रमा होंगे। मेघ (वर्षा), फलों और सेना के स्वामी शनि होंगे। रसीले पदार्थो के स्वामी गुरु, जल और धन के स्वामी मंगल होंगे। आकाशीय ग्रहों की यह मंत्री परिषद् ही पृथ्वी पर आर्थिक, राजनैतिक , सामाजिक तथा अन्य परिस्थितियों को नियंत्रित और प्रभावित करेंगी।

राजनैतिक : राजनैतिक दृष्टि से भारत में इस वर्ष अस्थिरता का माहौल रहेगा। स्वतंत्र भारत का लग्नेश शुक्र वर्ष चक्र में उच्च का है लेकिन नीच का बुध साथ है। अत: राजनेताओं को व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक जीवन में कई आरोप प्रत्यारोप सहन करने पड़ेंगे तथा वामपंथी विचार वालों को तगड़ा झटका खाना पड़ेगा। दक्षिणपंथी दल पहले की अपेक्षा मजबूत होंगे लेकिन पूर्व की तरह मित्र दलों से जुड़े रहेंगे। वामपंथी एवं दक्षिणपंथी दलों के सहयोगी दल भी आपस में खेमे बदल सकते हैं। कुछ ऐसी स्थिति भी बन सकती है जिसमें परस्पर घोर विरोधी दल भी साथ बैठने को मजबूर हो सकते हैं।

आर्थिक स्थिति : धन का स्वामी मंगल है। नववर्ष की प्रवेश कुण्डली में भी मंगल धन स्थान पर है:। अत: आर्थिक प्रगति में गति धीमी रहेगी। विदेशी निवेश में बाधा पहुंचेगी लेकिन वर्षपति सूर्य एवं चन्द्रमा की स्थिति अच्छी होने से बाधाओं के बावजूद भी आर्थिक प्रगति जारी रहेगी। खाद्य पदार्थो एवं खनिज पदार्थो के दाम बेतहाशा बढेंगे। साथ ही वस्त्र व्यवसाय में भी तेजी रहेगी। बहुमूल्य धातुओं में उतार चढ़ाव इस व्यापार को मंदा करेगा। शेयर बाजार की स्थिति प्रारंभ में बिगड़ेगी लेकिन वर्ष के उत्तरार्ध में सुधार होगा। रोहिणी निवास संधि में है। अत: अतिवृष्टि एवं खण्डवृष्टि रहेगी। अनाज आदि कृत्रिम साधनों पर ज्यादा निर्भर करेंगे, साथ ही भ्रष्टाचार व महंगाई बढ़ेगी। समय का वास वैश्य के घर है। अत: व्यापारी लाभ कमाएंगे। समय का वाहन अश्व होने से प्रजा को लुभाने वाली अनेक योजनाएं घोषित की जाएंगी।

पर्यावरण एवं वर्षा : देश में दो वर्षपति होने से पूर्वी और दक्षिणी भारत में वर्षा की अधिकता बाढ़ जैसी स्थितियां पैदा करेगी। पश्चिमी भारत में भी यत्र तत्र प्रचण्ड वर्षा से तबाही होगी लेकिन कई क्षेत्रों में सूखा भी पड़ सकता है। मंत्री परिषद में पापग्रहों का बोलबाला होने से प्रजा आतंकित रहेगी साथ ही महंगाई की मार को भी झेलेगी। वर्षा, तूफान, अग्निकाण्ड, वायु, रेल एवं सड़क दुर्घटनाएं अनेक औद्योगिक प्रतिष्ठानों में अग्निकांड जैसे मामले भी हो सकते हैं। रसीले फल तथा खानपान की अन्य वस्तुएं महंगी हो सकती है। शनि के तीन स्थान औद्योगिक प्रगति के संकेत देता है लेकिन प्रगति धीमी गति से होगी तथा आम लोग परेशान एवं ठगा सा महसूस करेंगे।

नववर्ष का राशिफल

मेष : मित्रों से धोखा मिलेगा, संतान को लेकर चिंता रहेगी, उलझे कार्य सुलझने के आसार बनेंगे, मांगलिक कार्यो पर व्यय होगा।

वृष : खट्टे-मीठे अनुभव होंगे। धीरज से काम बन बनेंगे। स्वास्थ्य को लेकर चिंता रहेगी। आध्यात्मिक उपचार सहायक होगा।

मिथुन : स्वाभिमान की रक्षा के लिए दौड़ धूप करनी होगी। परिचितों का सहयोग मिलेगा, व्यापार में बदलाव व बढ़ोत्तरी की योजना बनेगी।

कर्क : कार्यक्षेत्र एवं रिश्तेदारों के चक्कर में धर्मसंकट महसूस करेंगे। वादा पूरा न होने का गम रहेगा। स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें।

सिंह : उलझने अब कम होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। बुजुर्गो एवं बच्चों की चिंता बनेगी। जीवनसाथी के विचारों से सहमत होने का प्रयास करें।

कन्या : मन उखड़ा-उखड़ा रहेगा। घबराएं नहीं। अपने राज छुपा कर रखें। बाहरी उत्साह आपके काम बनवा देगा। अध्यात्म में रुचि बढ़ाएं।

तुला : मौज मस्ती एवं मांगलिक कार्यो में खर्च होगा।

वृश्चिक : वाणी का जादू इस वर्ष रंग दिखाएगा। धन लाभ और मान बढ़ेगा। यात्रा लाभादायी रहेगी। कठोर निर्णय शांति एवं सफलता दे सकते हैं।

धनु : योजनाएं बहुत बनेंगी। मित्रों का सहयोग भी मिलेगा लेकिन लक्ष्य अधूरे रहेंगे

मकर : मांगलिक कार्यो में धन खर्च होगा। सोचा गया काम पूरा होगा। स्थायी सम्पत्ति से लाभ होगा। राजनैतिक वर्चस्व बढ़ेगा।

कुम्भ : रोजगार के प्रयासों में सफलता की प्रबल संभावना। ऋणमुक्ति में मित्रों का सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी से तकरार में अहं को छोड़ दें।

मीन : छोटी-मोटी बातें परेशान करेंगी, घबराएं नहीं। नया वर्ष काम बनाने वाला रहेगा।

डॉ. विनोद शास्त्री राजस्थान विश्वविद्यालय में ज्योतिष विभाग के निदेशक हैं। (यह लेख दोबारा जारी किया जा रहा है। जिन समाचार पत्रों या वेबसाइट्स को यह लेख कल नहीं मिली थी वे आज इसका उपयोग कर सकते हैं।)

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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