बनारस में सात दिनों में 7 की हत्या
वैसे तो पूरा मार्च ही अपराधियों के तांडव से थर्राता रहा लेकिन पिछले सप्ताह की घटनाओं ने तो सारे रिकार्ड ही तोड़ डाले। सिलसिलेवार हुई सनसनीखेज़ घटनाओं से पूरा शहर स्तब्ध है लेकिन पुलिस विभाग हाथ पर हाथ रखकर मूक दशर्क बनी हुई है ।
सनसनीखेज घटनाओं का सिलसिला 25 मार्च को तब शुरू हुआ जब चोलापुर में परीक्षा देनें जा रहे छात्र मनीष सिंह को गोली से मार दिया गया। उसी रात खोजवां में कटरा मालिक धर्मेन्द्र मिश्र को गोलियों से भून डाला गया। चौबेपुर में परिवार को लाठी डंडे से पीटने के बाद एक को गोली मार दी गई।
27 मार्च को साकेत नगर में गस्त पर निकले सिपाही अरूण मिश्र को गोली मारी गई, दरोगा के सामनें से शूटर निकल गए लेकिन पुलिस लकीर पीटती रही। 28 की भोर 6 बजे रंगदारी की शिकायत पर लालपुर में व्यवसायी छोटू गुप्ता को गोलियों से उड़ादिया गया। इस अवधि में सिपाही - व्यवसायी समेत सात लोगों की हत्या हो चुकी। जेई दम्पति को गोली मारने के साथ बेटियों को चापड़ से चीर दिया गया। विभिन्न स्थानों पर हुई सात लाख की लूट, सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण जैसी आईपीसी की कोई ऐसी संगीन धारा नहीं बची है जो धार्मकि नगरी में न हुई हो।
आला अधिकारियों के दावों कि पोल खोलने के लिए पिछले 7 दिनों कि घटनाएं पर्याप्त हैं। तीन आतंकी घटना झेल चुके शहर के सर्वाधिक संवेदनशील स्थान पर बम विस्फोट भी इस अविध में हुआ।
घटनाओं के पर्दाफाश में होने वाले खेल के चलते कई मामले को खुदकुशी में तब्दील कर दिया गया। इनमें से शिवपुर के परमानंदपुर में मिठाई राजभर की गला रेत कर की गई हत्या को पुलिस नें खुदकुशी करार दिया। वर्दीधारी तक जिस शहर में सुरक्षति न हों वहां मामलों का खुलासा भी अब भगवान भरोसे ही है।
हत्या की अन्तिम वारदात पूरे शहर को झकझोर देने वाली रही जब 2 अप्रैल को रिटायर्ड जेई मुखराम तिवारी की पत्नी पार्वती की हत्या के साथ उनकी बेटियों को चापड़ से चीर दिया गया। हत्याओं के अलावा लूट के दौर में 29 मार्च को दीनदहाड़े बाइक गिराकर एक लाख छीन लिए गए, 31 मार्च को चोलापुर में कैशयिर को मारकर 2.40 लाख लूट लिए गए और सिगरा थानें के समीप सेल्समैन को अगवा कर 3.50 लाख लूट लिए गए।
संगीन घटनाओं के क्रम में लोह्ता के लखानीपुर में युवती और किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। वनवासियों ने थाना घेरा तो दुसरे दिन पुलिस नें शीलभंग की रिपोर्ट दर्ज कर मामला रफा - दफा करने की कोशशि की गई आदमपुर में हसीन आलम के अपहरण की रिपोर्ट तीन दिन बाद तब दर्ज की गई जब बालक वापस लौट आया।
मायावती चुनाव के दौरान जनता से दो ही बातों का वादा मुख्य रूप से करती थी एक तो सत्ता में आते ही मुलायम सिंह को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और दूसरा कानून व्यवस्था को चुस्तदुरूस्त कर दिया जाएगा। लेकिन बहुमत मिलते ही सूबे की मुखिया पार्को के नवीनीकरण में जुट गई, जनता से किए गए वादे ताख पर रख दिए गए, तो पुलिस विभाग को अपराधियों से सांठ गांठ का मौका मिल गया, लिहाजा अपराधियों और पुलिस के बीच में जनता का पिसना नियति बन गई।