राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के छात्रों का भविष्य दांव पर
रांची, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई), नई दिल्ली की मार्च में भेजी गयी रिपोर्ट पर राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के 90 छात्रों का भविष्य दांव पर है। इसे लेकर झारखंड सरकार और संस्थान प्रबंधन की नींद उड़ गयी है। वैसे इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए एक उच्चस्तरीय टीम दिल्ली पहुंच गई है।
एमसीआई की एक टीम जनवरी 07 में संस्थान के एमबीबीएस (यूजी) पाठ्यक्रम का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट 24 मई 07 को भेजी। रिपोर्ट में 31.4 फीसदी चिकित्सा शिक्षकों की कमी बताई गई। इसके पूर्व एमसीआई ने 7 मई 07 को ही संस्थान प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग के सचिव को पत्र भेजकर शिक्षकों की कमी को देखते हुए मान्यता वापस लेने और शैक्षणिक सत्र 07-08 में एमबीबीएस के लिए नामांकन पर रोक लगाने की बात कही थी। इस बीच राज्य सरकार ने झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद के माध्यम से एमबीबीएस की मुख्य परीक्षा 23 मई 07 को आयोजित करवायी। यानी प्रवेश परीक्षा होने के बाद एमसीआई ने नामांकन नहीं लेने का पत्र जारी किया। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संस्थान प्रबंधन को पत्र भेज चिकित्सा शिक्षकों की कमी को देखते हुए मान्यता रद्द करने संबंधी जानकारी दी।
अब 90 छात्र जो एक वर्ष की पढ़ाई कर चुके हैं, उनका नामांकन रद्द करना छात्रों को उबाल रहा है। छात्र-छात्राओं का कहना है कि एमसीआई ने नामांकन नहीं लेने संबंधी पत्र मई 07 को ही भेजा था। एक साल तक कोई कारवाई नहीं हुई। अब जब एमसीआई ने नामांकन रद्द करने का निर्देश दिया तो सरकार हरकत में आयी। उधर, एमसीआई की ओर से संस्थान में एमबीबीएस के नामांकन पर रोक रही तो इस वर्ष 2008 में नामांकन नहीं हो पायेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।