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हिलेरी क्लिंटन को गुस्सा क्यों नहीं आता (संशोधित)

By Staff
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न्यूयार्क, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। आप चाहे एक क्लर्क हों या राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार यदि आप महिला हैं तो गुस्से को काबू में रखना ही आप के लिए फायदेमंद है।

हिलेरी क्लिंटन का डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए किया जा रहा चुनाव प्रचार इस पर अच्छी तरह से प्रकाश डालता है कि क्या गुस्सा किसी महिला की उम्मीदवारी को प्रभावित कर सकता है। इसका उत्तर निश्चित रूप से हां में है यदि इसे किसी भी परिवार के सदस्य से पूछा जाए।

अमेरिका में किए गए ताजा अध्ययन के अनुसार लोग पुरुषों द्वारा गुस्सा प्रदर्शित किया जाना स्वीकार कर लेते हैं लेकिन जो महिलाएं अपना आपा खो देती हैं उनको अधिक नुकसान उठाना पड़ता है।

येल विश्वविद्यालय में 'लिंग आधारित पक्षपात' पर अपना शोध पूरा करने के लिए 2004 में क्लिंटन के कार्यालय में काम करने वाली विक्टोरिया ब्रेसकूल का स्पष्ट मानना है,"एक गुस्सेवाली औरत को हर जगह नुकसान उठाना पड़ता है, चाहे वह किसी भी पद पर हो। "

अध्ययन में महिलाओं को सलाह दी गई है कि वह कार्यस्थल पर अपने गुस्से को प्रदर्शित करने से बचें। इस अध्ययन के निष्कर्ष 'साइकोलाजिकल साइंस' जर्नल के नए अंक में प्रकाशित हुए हैं।

अध्ययन के मुताबिक गुस्सैल पुरुषों को गुस्सैल महिलाओं की तुलना में अधिक बेहतर कार्य, वेतन और ऊंचा पद मिलता है।

ब्रेसकूल ने अपने अध्ययन में यह भी प्रदर्शित किया है कि क्रोधी व्यक्तियों की तुलना में वह लोग बेहतर सफलता अर्जित करते हैं जो भावानात्मक रूप से असंवेदनशील होते हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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