नेपाल में 'न्याय' के लिए चुनाव लड़ रही हैं विधवाएं
काठमांडू, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। नेपाल के ऐतिहासिक चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) ने 100 से अधिक ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जिनके परिजनों को पिछले एक दशक में माओवादी संघर्ष में जान गंवानी पड़ी।
काठमांडू, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। नेपाल के ऐतिहासिक चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) ने 100 से अधिक ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जिनके परिजनों को पिछले एक दशक में माओवादी संघर्ष में जान गंवानी पड़ी।
जयपुरी घारतीमागर एक ऐसे ही विधवा हैं, जो 10 अप्रैल को होने वाले संविधानी सभा के चुनाव में रोल्पा से उम्मीदवार हैं। घारतीमागर के पति विवेक कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) के कार्यकर्ता थे और उसकी मौत नेपाली सेना से हुए संघर्ष में हो गई थी।
संविधान सभा के चुनाव में माओवादियों ने 80 से अधिक युवा विधवाओं को चुनाव में उतारा है। इनके पतियों की मौत सुरक्षा बलों से हुए संघर्ष में हो गई थी। इसी तरह कई ऐसे पुरुष उम्मीदवार हैं जिन्होंने अपने पुत्र या भाई को सुरक्षा बलों से संघर्ष के दौरान खोया है।
दक्षिण नेपाल के बारा जिले से शीला यादव एक माओवादी उम्मीदवार हैं। यादव के पति अजाबल सहित परिवार के पांच सदस्यों की मौत सुरक्षा बलों से संघर्ष के दौरान हो गई थी।
एक अन्य माओवादी उम्मीदवार पुष्पा कुमारी क्षेत्री बांके जिला से चुनाव लड़ रही हैं। कुमारी के दो भाइयों की हत्या कर दी गई थी।
सुदूर पश्चिम नेपाल के केलाली जिले में रुपा थारू माओवादी उम्मीदवार हैं। यह निर्वाचन क्षेत्र देश के सबसे गरीब क्षेत्रों में से एक है।
अन्य दलों में भी कई उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके परिजनों की मौत सेना-माओवादी संघर्ष के दौरान हो गई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।