उप्र में खुलेंगे पांच कृषि विश्वविद्यालय
लखनऊ , 1 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और उसकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अब जलवायु क्षेत्र के हिसाब से पांच नये कृषि विश्वविद्यालय खोलनें की तैयारी की जा रही हैं।
इसके लिये बुंदेलखंड, रुहेलखंड, दक्षिणी-पश्चिमी अर्धशुष्क मैदानी क्षेत्र, पूर्वी मैदानी और मध्य मैदानी क्षेत्र को उपयुक्त माना गया है। जिसके तहत झांसी, आगरा, मऊ, बरेली और लखनऊ का चयन किया गया है।
दरअसल कृषि क्षेत्र में आये ठहराव को देखते हुए उप्र कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि वैज्ञानिकों को काफी दिनों से ऐसे विश्वविद्यालयों की जरुरत महसूस हो रही थी। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है यहां जलवायु की विविधता होने के बावजूद कृषि क्षेत्र में इसके लाभ का उपयोग नहीं मिल पा रहा है। विश्वविद्यालय खुल जाने से पूरे प्रदेश में फसलों का अच्छा उत्पादन संभव है। इसके साथ क्षेत्रवार फसलों को बढ़ावा देने से आमदनी पर भी अच्छा प्रभाव दिखाई देगा।
यह सुझाव राज्य सरकार को भी बेहतर लगा है। यूं तो प्रत्येक जलवायु के हिसाब से परिषद और वैज्ञानिकों ने सरकार को नौ विश्वविद्यालय खोलने की सलाह दी थी। मगर फिलहाल पांच विश्वविद्यालयों को खोले जाने की स्वीकृत मिल गयी है।
विभागीय सूत्रों ने जानकारी दी इन विश्वविद्यालयों पर 2150 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है। इसे प्रदेश सरकार ही उपलब्ध करायेगी।
प्रथम चरण में इस क्रम में परिषद व वैज्ञानिकों की सलाह पर विश्वविद्यालय खुलने की शुरुआत बुंदेलखंड से की जा रही है। इसके लिए गठित टीम ने क्षेत्र में जाकर उपयुक्त भूमि का भी चयन कर लिया है। इन विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिये प्रथम चरण में 850 करोड़ रुपये खर्च किए जान का अनुमान है।
इन विवि में लखनऊ में करीब 250 करोड़, बरेली में 250 करोड़, झांसी में 500 करोड़, आगरा में 150 करोड़ और मऊ में 1000 करोड़ खर्च किया जाना तय किया गया है।
इसके तहत लखनऊ में स्थापित किए जा रहे कृषि विवि को केन्द्रीय अनुसंधान का दर्जा दिए जाने की भी बात की जा रही है जिससे यहां कृषि गुणवत्ता में सुधार के लिए व्यापक शेध और छात्र पीएचडी कर सकें।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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