दुखी रहने से हो सकती है मानसिक बीमारी
सिडनी, 31 मार्च (आईएएनएस)। एक अध्ययन में पाया गया है कि अपने प्रियजनों की मृत्यु से लंबे समय तक दुखी रहने वाले लोगों को मानसिक बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है।
न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि दस से पंद्रह फीसदी लोगों का शोक में लगातार डूबे रहने के कारण संपूर्ण स्वास्थ्य बिगड़ जाता है और कई बार उनकी मौत भी हो जाती है।
इस अध्ययन के कुछ तथ्य यह भी बताते है कि दवाओं से ज्यादा असरदार संज्ञानात्मक व्यावहार पद्धति इलाज है जिसकी मदद से कई लोगों की मनोवैज्ञानिक समस्यायें, चिंताएं और अवसादों को दूर किया जा सकता है।
सिडनी के अनुसंधानकर्ताओं और सलाहकारों की टीम अब शोक से पीड़ित लोगों के इलाज को बेहतर बनाने के लिए आगे का अध्ययन कर रही हैं।
अध्ययन के मुख्य लेखन रिचर्ड ब्रायंट ने कहा, "बहुत सारे सलाहकार शोक से ग्रस्त लोगों क ो अपने तरह से दुख कम करने के उपाय बता रहे हैं।
कभी कभी परामर्श देने का काम प्रभावशाली नहीं होता है फिर भी हम उन लोगों की सहायता करने के लिए प्रतिबध हैं जो लंबे समय तक दुखी हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।