गेहूं खरीद में किसानों को अरबों रूपये का घाटा
चंडीगढ़, 31 मार्च (आईएएनएस)। केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर निजी कारोबारियों को गेहूं की बिक्री की अनुमति न देने से पंजाब और हरियाणा के किसानों को इस साल लगभग 150 अरब रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
चंडीगढ़, 31 मार्च (आईएएनएस)। केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर निजी कारोबारियों को गेहूं की बिक्री की अनुमति न देने से पंजाब और हरियाणा के किसानों को इस साल लगभग 150 अरब रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था जिसके तहत पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा गेहूं की बिक्री निजी आढ़तियों को करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
किसान नेताओं का कहना है कि उक्त आदेश के कारण पंजाब के किसानों को 90 अरब रुपये और हरियाणा के किसानों को 60 अरब रुपये तक का नुकसान होगा।
उल्लेखनीय है कि पंजाब और हरियाणा के किसान देश की 50 प्रतिशत खाद्यान्न जरूरतों को पूरा करते हैं।
सरकार 1,000 रुपये प्रति क्विं टल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से गेहूं खरीदती है। लेकिन किसानों को निजी कारोबारियों से गेहूं की ऊंची कीमत मिलती है। इसलिए किसान अपना गेहूं सरकार को न बेचकर निजी कारोबारियों को बेचते हैं।
फिलहाल निजी कारोबारी 1,600 रुपये प्रति क्विं टल गेहूं खरीद रहे हैं। ऐसे में सरकार को मात्र 1,000 रुपये प्रति क्विं टल गेहूं बेचने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
कुछ किसान वायदा कारोबारियों से पहले से ही अनुबंध कर चुके हैं।ये कारोबारी किसानों के खेत से ही कटाई के बाद गेहूं उठा लेते हैं। इस तरह किसान मंडियों तक जाने से भी बच जाते। लेकिन सरकार के नए आदेश से किसानों के मंसूबों पर पानी फिर जाने की संभावना है।
पिछले वर्ष सरकार की गेहूं खरीददारी लक्ष्य से कम रही थी। इसलिए सरकार को दूसरे देशों से ऊंची कीमतों पर गेहूं आयात करना पड़ा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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