सैटेनिक वस्रेस को मिली जर्मनवासियों की वाहवाही
पोट्सडम (जर्मनी), 31 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी के विवादास्पद उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस पर आधारित नाटक का मंचन ने जर्मनवासियों का दिल जीत लिया।
द सैटेनिक वर्सेस का मंचन बर्लिन के नजदीक पोट्सडम शहर के हंस थियेटर में कड़ी सुरक्षा के बीच किया गया। रुश्दी द्वारा लिखा गया यह उपन्यास इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के कुछ विवादास्पद प्रसंगों को उभारता है जो इस्लाम मानने वालों को नागवार गुजरी है।
इस नाटक के प्रदर्शन से कुछ मुसलमान आहत हुए हैं और उन्होंने कहा कि दर्शकों को आकर्षित करने और इस्लाम को नीचा दिखाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए गये हैं।
हालांकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हों इसके लिए आयोजकों ने पुलिस की मदद ली थी।
गौरतलब है कि सलमान रुश्दी ने इस मंचन समारोह में भाग नहीं लिया। नाटक का निर्माण यूव इरिक लॉफनबर्ग और मार्कस मिसलिन और इसका पटकथा लेखन दो जर्मन द्वारा किया गया।
मल्टी एथोनिक परिषद् के महासचिव आइमन मजायक ने कहा, "रुश्दी द्वारा लिखित किताब के प्रसंग इस्लाम को शर्मशार करता है और यह दूसरे लोगों के बीच गलतफ हमी पैदा करता है। "
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंतत्रा का आशय यह नहीं होता की आप किसी पवित्र धर्म का मजाक उड़ायें।
गौरतलब है कि सलमान रुश्दी द्वारा 1988 में लिखित इस उपन्यास के बाद 1989 में शिया ईरानियों द्वारा उन पर मौत का फतवा जारी किया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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