बस्तर में माओवादी हमले का खतरा बढ़ा
रायपुर, 30 मार्च (आईएएनएस)। माओवादियों ने बिजली के खंभों को क्षतिग्रस्त करके छत्तीसगढ़ के 150 से अधिक गांवों में बिजली की आपूर्ति रोक दी है।
पुलिस को अब यह डर सताने लगा है कि कहीं बिजली आपूर्ति बंद करके ये माओवादी किसी बड़े हमले की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं।
माओवादी हमले की संभावनाओं के मद्देनजर पुलिस ने बस्तर जिले के दक्षिणी इलाके में गश्ती बढ़ा दी है। माओवादियों ने यहां 133 किलोवाट क्षमता वाले पांच बिजली के खंभों को नुकसान पहुंचाया है।
जिले का पूरा ऊसूर क्षेत्र और भोपलपत्तनम के कुछ इलाकों में शुक्रवार से ही बिजली गुल है।
बस्तर जिले के पुलिस अधीक्षक अंकित गर्ग ने फोन पर आईएएनएस को बताया, "हमें डर है कि माओवादी इस मौके का फायदा उठाकर पुलिस और स्थानीय लोगों पर हमला ना कर दें।"
उन्होंने बताया कि हमले की संभावनाओं के मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा पुलिस व अन्य सुरक्षा केंद्रों के साथ सरकारी संस्थानों पर भी पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है और निगरानी कड़ी कर दी गई है।
सुत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत बोर्ड के इंजीनियर बिजली व्यवस्था को पुनर्बहाल करने के लिए भेजे जा चुके हैं। संभावना है कि गुरुवार से पहले बिजली की आपूर्ति चालू हो जायेगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी माओवादियों ने मार्च के महीने में ही बीजापुर के रानी बोदली गांव में धावा बोला था और 55 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।