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अब ज्योतिषी तय कर रहे डिलीवरी का समय!

By Staff
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लखनऊ, 30 मार्च (आईएएनएस)। पंडित जी मेरी पत्नी को डाक्टर ने डिलीवरी की तारीख 24 अप्रैल बताई है क्या ये दिन शुभ है? अगर नहीं तो कृपया आप उपयुक्त दिन बता दीजिए। फिर सिलसिला शुरू होता है अस्पतालों में। डाक्टर से विनती की जाती है कि मेरी पत्नी की डिलीवरी 20 अप्रैल तक करवा दीजिए क्योंकि नक्षत्रों के हिसाब से वह दिन बहुत अच्छा है।

लखनऊ, 30 मार्च (आईएएनएस)। पंडित जी मेरी पत्नी को डाक्टर ने डिलीवरी की तारीख 24 अप्रैल बताई है क्या ये दिन शुभ है? अगर नहीं तो कृपया आप उपयुक्त दिन बता दीजिए। फिर सिलसिला शुरू होता है अस्पतालों में। डाक्टर से विनती की जाती है कि मेरी पत्नी की डिलीवरी 20 अप्रैल तक करवा दीजिए क्योंकि नक्षत्रों के हिसाब से वह दिन बहुत अच्छा है।

अभिभावकों को लगता है यदि बच्चे के जन्म के पहले ही मनपसंद कुंडली बन जाये तो उनकी संतान जरूर दुनिया में एक मुकाम हासिल करेगी। ऐसे परिजनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और खासकर उत्तर प्रदेश के महिला एवं प्रसूति अस्पतालों में इन्हें आसानी से देखा जा सकता है।

ऐसे ही एक पिता लखनऊ के फातिमा अस्पताल में एक नियत तारीख जो कि पंडित से पूछकर आये थे, उसी दिन पत्नी का आपरेशन के माध्यम से डिलीवरी कराने की जिद डाक्टर से कर रहे थे।

जब आईएएनएस ने उनसे जानना चाहा कि उक्त तारीख को लेकर वह इतने उत्सुक क्यों हैं तो उन्होंने बताया हिन्दू धर्म में बच्चे के जन्म के समय अगर मंगली योग, भद्रा या मूल नक्षत्र पड़ गया तो माता-पिता को तमाम अनुष्ठान कराने पड़ते हैं। इससे बेहतर है अगर आपरेशन के माध्यम से ही बच्चा हो रहा है तो ज्योतिष से राय लेकर ही हम उपयुक्त समय पर डिलीवरी करायें क्योंकि इसमें कोई शक नहीं है। सही समय पर पैदाइश भी बच्चे के जीवन पर बेहतर प्रभाव डालती है।

हैरानी की बात यह है कि इन कुंडली बच्चों की चाहत में वह अभिभावक तेजी से शामिल हो रहे हैं जो बुद्विजीवियों की श्रेणी में गिनती किए जाते हैं। इन्हीं में से एक लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार भी हैं जिन्होंने अस्पताल में अपने रोब के दम पर उस दिन ही अपनी बहू के आपरेशन से डिलीवरी करायी जो दिन उनके पारिवारिक ज्योतिषी ने निर्धारित किया था। उनका भी मानना था ग्रहों की अद्भुत गढ़ना उनके पोते को श्रेष्ठ बनाने के लिए विवश हो जायेगी।

क्वीन मेरी सरकारी अस्पताल की विभागाध्यक्ष प्रो. विनीता भी इस बात को मानती है। वह कहती है ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो त्योहारों से लेकर डिलीवरी के आसपास की तारीख में अच्छा दिन देखकर बच्चे की पैदाइश की मांग करते हैं।

महानगर नर्सिंग होम की स्त्री रोग विषेशज्ञ डा. किरन गुप्ता कहती हैं अक्सर अभिभावकों को जहां पता चलता है कि बच्चा ऑपरेशन से होगा तो उन्हें हम डेट दें उससे पहले वह खुद ही ज्योतिषी से तारीख की व्यवस्था करा लाते हैं और हमसे उसी दिन आपरेशन करने की जिद करते हैं हम भी मां और बच्चे की स्थिति को देखते हुए उनकी बात रख लेते हैं।

आजकल मनपसंद दिन पर बच्चों की डिलीवरी के क्रेज को ज्योतिषी एवं भविष्यवक्ता भी मान रहे हैं। ऐसे ही एक ज्योतिषी गिरिजेश पंत ने बताया कि केवल बच्चों की शुभ घड़ी के हिसाब से ही पैदाइश के फैसले नहीं लिए जा रहे हैं बल्कि वह यह भी देख रहे हैं बच्चा उनके लिए भी भाग्यशाली साबित हो।

हालांकि अधिकतर ज्योतिषी इस तरीके को आप्राकृतिक मानते हैं इससे बच्चे के जीवन में आगे कठिनाई भी आ सकती है। कानपुर के ज्योतिषी के. ए. दुबे कहते हैं हर रोज मेरे पास ऐसे दो तीन लोग आते है लेकिन मैं इसे उचित नहीं मानते हुए केवल इतना बता देता हूं कि इस साल चार और आठ मूलांक वाले बच्चों को कष्ट रहेगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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