विजय गोयल का एक चेहरा यह भी
नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। कम ही लोगों को यह मालूम होगा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव विजय गोयल एक हुनरमंद फोटाग्राफर भी हैं।
गोयल द्वारा अपने हरियाणा के सोनीपत स्थित पैतृक गांव की कैमरे में कैद की गई सैकड़ों तस्वीरें इस बात का बखूबी एहसास कराती है।
राजधानी के वल्लभभाई पटेल हाउस में गोयल द्वारा उतारी गई तस्वीरों की प्रदर्शनी में उनकी इसी कला का मुजाहिरा होता है। देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने इस प्रदर्शनी का शनिवार को उद्घाटन किया।
गोयल कहते हैं कि वह बचपन से ही कला और संस्कृत के प्रेमी रहे हैं। इसी प्रेम की वजह से ही चांदनी चौक की पुरानी हवेलियों पर उन्होंने न सिर्फ किताब लिखी बल्कि उन हवेलियों को संग्रहालय में तब्दील कराने में अहम भूमिका निभाई।
गोयल ने जिन छायाचित्रों की प्रदर्शनी लगाई है, वह सारे उनके गांव में उतारी गई है। गांव के पुश्तैनी मकान का काम करवाने गये गोयल ने समय निकालकर गांव की संस्कृति व वहां की वास्तविक जिंदगी को अपने कैमरे में कैद कर लिया।
वैसे गोयल हमेशा सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों के साथ कदमताल करते नजर आते हैं। कभी बिना लाइसेंस के ब्लू लाइन बस का ड्राइवर बन जाते हैं तो कभी टॉय बैंक के जरिये गरीब बच्चों के चेहरे पर मुस्कान ला देते हैं।
बहरहाल, गोयल का मानना है कि उनका का यह नया चेहरा उनके व्यक्तित्व को एक अंश मात्र है। आने वाले दिनों में वह और भी कलात्मक और सांस्कृतिक कार्यो को अंजाम देंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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