शौकिया तौर पर मुक्केबाजी से दिमाग को कम खतरा
न्यूयार्क, 30 मार्च (आईएएनएस)। आमतौर पर कमजोर लोग मुक्केबाजी से दूर ही भागते हैं। लेकिन शौकिया तौर पर मुक्केबाजी से मस्तिष्क को अपेक्षाकृत कम नुकसान पहुंचता है।
हाइडलबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पुरानी अवधारणा के विपरीत इस नए तथ्य का खुलासा हाइडलबर्ग बाक्सिंग स्टडी के माध्यम से किया है।
वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में 42 मुक्केबाजों और शौकिया तौर पर मुक्केबाजी करने वाले 37 लोगों को शामिल किया था।
अध्ययनकर्ताओं को ज्ञात हुआ है कि मुक्केबाजी के दौरान सिर पर तेजी से प्रहार करने की वजह से मस्तिष्क के कुछ ऊतकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
परिणामस्वरूप मुक्केबाजों को पार्किसन्स व डीमेंशिया जैसे रोग हो सकते हैं।
शोध से जुड़े वैज्ञानिक स्टीफन हाहनेल ने बताया कि एमआर उपकरण की सहायता से ऊतकों को पहुंचने वाले नुकसान के बारे में पता लगाया जा सकता है।
विज्ञान पत्रिका साइंस डेली के अनुसार वैज्ञानिकों को इस संबंध में फिलहाल और अधिक गहनता से शोध करने पड़ेंगे।
इस अध्ययन में मुक्केबाजी के कारण पार्किसन्स पीड़ित मुक्केबाज मुहम्मद अली के दिमाग को किस स्तर तक नुकसान पहुंचा था इस बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है।
अध्ययन के नतीजों को अमेरिकी जर्नल न्यूरो रेडियोलाजी के ताजा अंक में प्रकाशित किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।