आईएमएफ में भारत सहित विकासशील देशों की हैसियत बढ़ी
वाशिंगटन, 29 मार्च (आईएएनएस)। भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को ज्यादा अधिकार देने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वोटिंग प्रणाली में कुछ परिवर्तन का प्रस्ताव किया है।
वाशिंगटन, 29 मार्च (आईएएनएस)। भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को ज्यादा अधिकार देने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वोटिंग प्रणाली में कुछ परिवर्तन का प्रस्ताव किया है।
प्रस्तावित परिवर्तन के तहत आईएमएफ में भारत के वोट को 0.42 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 2.34 प्रतिशत करने की बात कही गई है, जबकि तमाम विकासशील देशों की ताकत में मात्र 1.6 अंक की बढ़ोतरी की जाएगी।
आईएमएफ के प्रमुख डोमिनिक स्ट्रॉस कान वोटिंग प्रणाली को ज्यादा प्रासंगिक बनाना चाहते हैं। वह मानते हैं कि उक्त परिवर्तन से 185 सदस्य देशों वाले इस 68 वर्ष पुराने संगठन की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
डोमिनिक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह तो पहला कदम है। आगे भी इस तरह के पहल किए जाएंगे। आगे बढ़ने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं है।"
बताया जा रहा है कि प्रस्तावित परिवर्तन के तहत भारत ही नहीं बल्कि चीन, मैक्सिको, ब्राजील और दक्षिण कोरिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ाए जा सकते हैं। ये देश आईएमएफ में अपनी भूमिका बढ़ाने की मांग करते रहे हैं।
दूसरी तरफ इस परिवर्तन से रूस, मिस्र, सउदी अरब, वेनेजुएला, अर्जेटीना, चिली और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के वोटिंग के अधिकार कम किए जा सकते हैं।
उधर, प्रस्तावित परिवर्तन से भारत ज्यादा उत्साहित नजर नहीं आ रहा। आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक आदर्श किशोर ने कहा, "हम नए प्रस्ताव के प्रावधान से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि यह हमारी उम्मीदों से बहुत कम है।"
किशोर ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "हमारी दो मांगें थीं। एक पर तो अमल किए जाने की उम्मीद है, लेकिन दूसरे पर विचार नहीं किया गया।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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