सुरक्षा बल नहीं कोर्ट तय करे आतंकवादी : नवाबउद्दीन
भोपाल, 29 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली के जामा मस्जिद के मैनेजमेन्ट कमेटी के महासचिव नवाबउद्दीन ने कहा है कि सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसी किसी को भी आतंकवादी बना देती हैं। इसलिए संदिग्ध व्यक्तियों के परीक्षण के लिए सरकार एक समिति बनाए अथवा कोर्ट के फैसले का इंतजार करे।
इसके पहले किसी को भी आतंकवादी करार दे देना ठीक नहीं है। उन्होंने यह बात पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा बल तथा खुफिया एजेंसी ने ऐसे लोगों को आतंकवादी बताया है, जिनका इस तरह की गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं रहा। कोर्ट के फैसले को आधार बनाने की वकालत करने वाले नवाबउद्दीन से संसद पर हमला करने की साजिश में शामिल अफजल गुरु के संबंध में सवाल किया गया। उन्होंने कहा कि अफजल हो अथवा कोई अन्य, कोर्ट के फैसले के मुताबिक ही सजा मिलनी चाहिए।
जामा मस्जिद से जुड़े नवाबउद्दीन मानते हैं कि देश के हालात ठीक नहीं हैं। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक वारदातों का सिलसिला जारी है। पूरे मुल्क में नफरत के बीज बोए जा रहे हैं। शान्ति की शिक्षा के बजाय नफरत का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इसलिए उन्होंने लोगों को जगाने के लिए कुरान के पैगाम को आम बनाने के लिए मुहिम चला रखी है। कोई भी धर्म लड़ना नहीं सिखाता, मगर हमारी सरकारी मशीनरी अपने स्वाथोर्ं के लिए कुछ भी करने को तैयार है।
सिमी की बढ़ती गतिविधियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि अदालत को फैसला करना चाहिए और अगर उनकी गतिविधियां देश के खिलाफ हैं, तो उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वे मानते हैं कि बढ़ती आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सुरक्षा बल तथा खुफिया एजेंसी जो कार्रवाई करती हैं, वह मुकाम तक नहीं पहुंच पाती।
कश्मीर में बढ़ती आतंकी कार्रवाई पर उन्होंने माना कि कुछ लोग गलत रास्ते पर चले जाते हैं और उसका नुकसान ज्यादा लोगों को उठाना पड़ता है। कई बार पैसों का प्रलोभन देकर नौजवानों को गलत रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे कम पढ़े-लिखे होते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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