वन्य कानूनों पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे : सर्वोच्च न्यायालय
नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय में केंद्र सरकार से कहा कि जंगल की चार हैक्टेयर भूमि पर आदिवासियों को अधिकार देने के साथ-साथ जंगल में रहने वाले अन्य लोगों को अधिकार देने के मामले पर वह चार हफ्ते के भीतर स्थिति स्पष्ट करे।
मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालकृष्णन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र और कई राज्य सरकारों को अनुसूचित जनजातियों व अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की स्वीकृति) अधिनियम, 2006 को चुनौती देने वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया।
"बांबे प्राकृतिक ऐतिहासिक समाज" द्वारा दायर याचिका पर न्यायमूर्ति अरिजित पसायत और न्यायमूर्ति एस. एच. कापड़िया वाली इस खंडपीठ ने मामले पर सभी सरकारों को चार हफ्ते के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
गौरतलब है कि याचिका में संसद के इस अधिनियम को यह कहते हुए चुनौती दी गई है कि यह मामला राज्य सूची के दायरे में आता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।