भारतीय लघु एवं कुटीर उद्योगों ने खींचा दुनिया का ध्यान
नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। देश भर में फैले लघु एवं कुटीर उद्योगों ने हाल के वर्षो में बेहतर प्रदर्शन किया है। इस क्षेत्र के उत्पादों की तुलना अब दुनिया के प्रतिष्ठित ब्रांडों से की जाने लगी है।
यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि भारतीय लघु एवं कुटीर उद्योग क्षेत्र उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद कैसे तैयार कर रहे हैं।
हाल ही में प्रकाशित शहरी और क्षेत्रीय अध्ययन पर आधारित केशब दास की पुस्तिका इंटरनेशनल जर्नल आफ अरबन एंड रिजनल रिसर्च में भारतीय लघु एवं कुटीर उद्योगों के बारे में जानकारी दी गई है।
इस पुस्तिका में यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि भारतीय लघु और कुटीर उद्योग किस तरह से खराब गुणवत्ता वाले उत्पाद से उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की ओर बढ़े।
आगरा का जूता उद्योग की तुलना इटली के उच्च गुणवत्ता वाले जूता उद्योग से की जाती है।
पश्चिम बंगाल के लघु और कुटीर उद्योग हैंडलूम और शंख से बने उत्पादों के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं।
केरल अपने बांस से बने उत्पादों के लिए, कटक चांदी के सजावटी काम के लिए और जयपुर आकर्षक छपाई के लिए जाना जाता है।
दास कहते हैं कि लगभग तमाम भारतीय लघु उद्योग और कुटीर उद्योग क्षेत्र असंगठित हैं। यहां वेतनमान और श्रमिकों को दी जाने वाली अन्य सुविधाओं का कोई मानदंड नहीं है।
वह कहते हैं कि श्रमिकों और व्यापारियों के बीच स्वभाविक विश्वास का रिश्ता भी नहीं है। ऐसे में यदि उक्त इकाइयों से उच्च गुणवत्ता वाले वस्तुओं का उत्पादन हो रहा है तो वास्तव में यह अद्भुत है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।