यूके भारत को स्थाई सदस्यता के पक्ष में
फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन की शिखर बैठक के बाद यहां एक संयुक्त घोषणा पत्र में दोनों देशों ने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए इन देशों को समर्थन देने का संकल्प व्यक्त किया. घोषणापत्र के अलावा दोनों नेताओं ने ब्रिटेन और फ्रांस के बीच असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर किये.
घोषणा पत्र में कहा गया कि आर्थिक रूप से शक्तिशाली आठ देशों के समूह जी-8 द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया के तहत चीन, भारत, ब्राजील, मैक्सिकों और दक्षिण अफ्रीका से अत्यंत उपयोगी संवाद स्थापित हुआ है तथा हम अगले वर्ष जुलाई में तोयाको शिखर सम्मेलन में इस संबंध में अंतरिम रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इन प्रमुख देशों को भी आज की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में अपनी भूमिका निभानी पडेगी.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री के 10 डाउनलिंग स्ट्रीट स्थित सरकारी निवास पर दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधो मजबूत बनाने का संकल्प दोहराते हुए एक वैश्विक यूरोप के निर्माण के अभियान पर भी चर्चा की. गौरतलब है कि फ्रांस इस वर्ष के अंत में यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभाल लेगा. दोनों नेताओं के बीच विश्व भर में छायी आर्थिक मंदी आव्रजन नीति, अफगानिस्तान में नाटो, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन, सेनाओं को सहायता आदि मुद्दो पर भी बातचीत हुई.
इससे पूर्व श्री सरकोजी और श्री ब्राउन ने असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी तथा ब्रिटेन के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में फ्रांसीसी कंपनियों को वरीयता दिलाने में सहयोग से जुडे एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये.