तिब्बत को लेकर ओलंपिक बहिष्कार की मांग हुई तेज
हैम्बर्ग , 28 मार्च (आईएएनएस)। चीन द्वारा तिब्बत में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दमन की कार्रवाई के विरोध में यूरोप के कई देशों में ओलंपिक समारोह के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ती जा रही है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के एक जर्मन सदस्य ने जहां अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति और जर्मनी पर तिब्बत में चल रहे चीनी दमन पर नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। वहीं स्वीडन के पूर्व न्याय मंत्री थामस बुडस्ट्राम ने देश के खिलाड़ियों से आग्रह किया है कि वह ओलंपिक के शुभारंभ और समापन समारोह का बहिष्कार करें।
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने भी ओलंपिक खेलों के शुभारंभ में भाग नहीं लेने का निर्णय किया है।
जर्मन एमनेस्टी इंटरनेशनल के सदस्य ड्रिक प्लेटर ने कहा, "इस मामले को केवल राजनीति के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। तिब्बत में मानवाधिकारों में सुधार के लिए खेल संघ गंभीरता पूर्वक नहीं सोच रहे हैं। वे विश्वास करते हैं कि ओलंपिक अच्छाई लाने का यंत्र है। यह गैरजिम्मेदारीपूर्ण रवैया है। "
इन सबके बावजूद अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष जैक्स रॉग ने मंगलवार को ग्रीस में ओलंपिक मशाल प्रज्जवलित करने के अवसर पर कहा कि बीजिंग ओलंपिक खेलों का बहिष्कार तिब्बत में स्थिति को और बदतर बनाएगा।
चेक गणराज्य के राष्ट्रपति वाक्लाव क्लाज ने भी बुधवार को ओलंपिक खेलों में नहीं जाने की घोषणा कर दी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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