जमीन अधिग्रहण कानून में संशोधन होगा
नई
दिल्ली,
25
मार्चः
केंद्र
सरकार
जमीन
अधिग्रहण
कानून
में
संशोधन
पर
विचार
कर
रही
है.
इसका
मकसद
वित्तीय
मदद
के
साथ
मनोवैज्ञानिक
रूप
से
भी
राहत
सुनिश्चित
करना
है.
सरकार
ने
यह
भी
कहा
है
कि
विशेष
आर्थिक
क्षेत्र
एसईजेङं
के
लिये
कोई
भी
कृषि
या
सिंचित
जमीन
नहीं
ली
जाएगी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन आफ डिसप्लेस्ड पर्सन्स विषय पर आयोजित सेमिनार में केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने कहा 'हम मौजूदा कानून में कुछ अन्य चीजों को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं'. यह स्थायी समिति के पास है और जल्दी ही संसद इस पर विचार करेगी.
उन्होंने कहा जब कोई व्यक्ति अपनी जमीन बेचने को तैयार नहीं है और उसका जनहित में कानून के जरिये अधिग्रहण किया गया है. ऐसे में इसके लिये संबंधित व्यक्ति को वित्तीय मदद के साथ मनोवैज्ञानिक रूप से राहत दी जानी चाहिये चाहिए.
इसके अलावा जमीन के बदले जमीन पर भी विचार किया जा सकता है. जमीन अधिग्रहण कानून 1894 सरकार को जनहित के अलावा कंपनी कानून के तहत पंजीकृत कंपनियों के लिये जमीन अधिग्रहण का अधिकार देता है.
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