परमाणु ऊर्जा देश की जरुरतः मनमोहन
डॉ. सिंह ने आज यहां बाहरी दिल्ली के बवाना में 5200 करोड़ रुपए की लागत से 1500 मेगावाट के गैस आधारित बिजली संयंत्र की आधारशिला रखते हुए कहा कि सरकार परमाणु ऊर्जा को एक स्वच्छ ऊर्जा संसाधन के रुप में विकसित करने के लिए वचनबद्ध है और इसके विकास से ही देश की बिजली की जरुरतें पूरी हो सकेंगी.
गौरतलब है कि केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने परमाणु ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये अमरीका के साथ असैन्य परमाणु समझौता किया है लेकिन सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे वामपंथी दलों के विरोध के चलते यह समझौता अधर में लटका हुआ है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ऊर्जा की जरुरत निश्चित रुप से बढेगी और हमें आने वाली पीढियों के बारे में भी सोचना है. यदि हम भविष्य की ओर नहीं देखेंगे तथा ऐसे कदम नहीं उठायेंगे जो आने वाली पीढियों की जरुरतों को पूरा कर सकें तो हम अपने फर्ज को पूरा करने में चूक जायेंगे.
देश में ऊर्जा सुरक्षा की रणनीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके कई पहलू हें और केवल एक-दो संसाधनों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऊर्जा के कुछ स्रोत आज सस्ते लगते हों लेकिन भविष्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.