छठे वेतन आयोग ने वृद्धि की सिफारिश की

By Staff
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नई दिल्ली 25 मार्च: छठवें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के 40 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के वेतनमानों में भारी बढ़ोतरी की सिफारिश की है. इस पहल से 2008-09 के दौरान सरकारी खजाने पर 12,561 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण ने अपनी रपट सोमवार को वित्त मंत्री पी चिंदबरम को सौंपी जिसमें एक जनवरी 2006 से संशोधित वेतनमान लागू करने की सिफारिश की गई है. इससे सरकार पर बकाया भुगतान के रूप में 18,060 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा.

संशोधित वेतनमानों के तहत मंत्रिमंडल सचिव का वेतनमान 90,000 रुपए प्रति माह और सचिव का वेतनमान 80,000 प्रतिमाह निर्धारित किया गया है जबकि न्यूनतम प्रवेश स्तर वेतनमान 6,660 रूपए प्रति माह होगा. भत्तों में खासी बढ़ोतरी की सिफारिश करते हुए आयोग ने पेंशन और पारिवारिक पेंशन में भी 40 फीसदी की बढ़ोतरी की बात कही गई है.

कर्मचारियों को यह तोहफा मंत्रिमंडल द्वारा छठवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्णय लेने के बाद मिलेगा जिसका गठन 2006 में किया गया था. न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण ने वित्त मंत्री को रपट सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा मैंने कुछ ऐसी सिफारिशें की है जो देश के लिए अच्छी हैं. आयोग ने वेतनमान में 2.5 फीसदी सालाना वृद्धि की सिफारिश की है और इसकी क्रियान्वयन की तारीख एक जुलाई होगी.

विभिन्न भत्तों में खासी बढ़ोतरी की मांग करते हुए आयोग ने दो किस्तों में बकाया भुगतान करने की सिफारिश की और कहा कि कुल 18,060 करोड़ रूपए के व्यय में से 12,642 करोड़ रूपए का बोझ आम बजट और शेष 5,418 करोड़ रूपए का बोझ रेल बजट पर पड़ेगा.

रक्षा अधिकारियों की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने सैनिक सेवाओं के वेतनमानों को असैनिक वेतनमानों के बराबर रखा है और ब्रिगेडियर तक या इसके समकक्ष अधिकारियों के लिए 6,000 प्रति माह का भत्ता देने की सलाह दी गई है.

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