त्रिपुरा में मलेरिया की दवाएं बेअसर
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तपन चक्रवर्ती ने आज विधान सभा में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कहा कि पश्चिमी त्रिपुरा को छोड़कर राज्य के तीन जिले मलेरिया से बुरी तरह प्रभावित हैं.
चक्रवर्ती ने कहा कि वर्ष 2005 में जहां मलेरिया से मरने वालों की संख्या 20 थी वही वर्ष 2007 में यह संख्या बढ़कर 44 हो गयी. वर्ष 2005 में इस बीमारी ने 18हजार आठ लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया था जबकि वर्ष 2007 में मलेरिया के 23 हजार 375 मामले सामने आये थे.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मलेरिया के खिलाफ प्रभावी कदम उठाये जाने के बावजूद मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसके तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को इलाज के तरीकों को बदलने समेत कई सुझाव दिये गये हैं.
उन्होंने कहा कि इस बीमारी की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या को नियंत्रित करने के लिये राज्य सरकार ने विभाग को पारंपरिक दवाओं के स्थान पर दूसरे चरण उन्नत दवाएं प्रयोग में लाने का निर्देश दिया है.
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मलेरिया से बचाव की दिशा में डीडीटी का छिडकाव कराने एवं मलेरिया फैलने के संभावित इलाको में त्वरित जांच किट्स उपलब्ध कराने समेत सभी प्रभावी कदम उठाये हैं.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा केन्द्र सरकार ने एक लाख 15हजार मेडिकेटेड मच्छरदानियां भी भेजी है. इन मच्छरदानियों पर बैठने वाले मच्छर स्वयं मर जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की और मच्छरदानियां बांटी जायेगीं.