बाबरी ढ़ांचा का ढ़हाया जाना खेदजनकः आडवाणी
आडवाणी ने अयोध्या में विवादित ढ़ांचा ढ़हाये जाने के दिन को अपने जीवन का सबसे दुखद दिन बताते हुये अपनी आत्मकथा 'माई कंट्री माई लाइफ' में कहा है कि छह दिसंबर को 'बाबरी ढांचे' को ढहाया जाना अत्यंत खेदजनक था.
उनके मुताबिक भारत का भविष्य बहुत कुछ इस आंदोलन के नतीजे पर निर्भर करेगा. आडवाणी की आत्मकथा का पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने आज यहां विमोचन किया. पांच खंडों में लिखी गई 1040 पृष्ठ की आत्मकथा लिखने पर संतोष व्यक्त करते हुये ओडवाणी ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें जीवन में खुशियां और जीवन की सार्थकता की बराबर अनुभूति हुई है जो सामान्यतः एक व्यक्ति को साथ-साथ नही मिलती.
इस मौके पर डॉ. कलाम ने आडवाणी की तारीफ के पुल बांधते हुये कहा कि आडवाणी मे एक दूरदर्शी नेता के सारे गुण विद्यमान है. उन्होंने कहा कि आडवाणी की आत्मकथा आजाद भारत के इतिहास की गहन विवेचना है.