मणिपुर में 14 उत्तर भारतीयों की हत्या
आतंकवादियों ने मृतकों के शवों पर पेपर चिपका दिए, जिन पर लिखा था, 'अपने राज्य वापस जाओ.' मारे गए लोग तंबाकू उत्पादों खैनी और जर्दा का बिजनेस करते थे.गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार की रात मयंग इम्फॉल में सात बाहरी लोगों की हत्या कर दी गई थी.
इन प्रॉडक्ट्स को आतंकवादी संगठन रिवॉल्यूशनरी पीपल्स फ्रंट (आरपीएफ) ने बैन कर रखा है. मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने हत्याओं की निंदा की है और मृतकों के परिवार वालों और घायलों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया.
मुख्यमंत्री ने राज्य में रह रहे बाहरी लोगों की सुरक्षा निश्चित करने के लिए सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी है. सिंह ने बताया कि इम्फॉल के आसपास 42 चेकपोस्ट बनाए गए हैं, ताकि आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विधायकों और मंत्रियों सहित सभी लोगों को चेतावनी दी है कि अगर किसी के भी संबंध आतंकवादियों से होंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने लोगों से भी आतंकवादियों की मदद न करने की अपील की.
सूत्रों के मुताबिक एक आतंकवादी संगठन ने दूसरे राज्यों के व्यापारियों को चेतावनी दी थी कि उन्हें मणिपुर में बिजनेस नहीं करने दिया जाएगा. अबतक किसी भी हत्यारे की पहचान नहीं की जा सकी है.
मणिपुर
में
बढ़
रही
आतंकी
घटनाओं
को
देखते
हुए
राज्य
में
एक
बार
फिर
से
विवादित
आर्म्ड
फोर्सेज
स्पेशल
पावर्स
एक्ट
(एएफएसपीए)
को
लागू
किए
जाने
पर
विचार
किया
जा
सकता
है.