श्रीलंका में नंदी ध्वज फहराने के लिए अभियान
कोलंबो, 19 मार्च (आईएएनएस)। प्राचीन नंदी ध्वज को धार्मिक आयोजनों और उत्सवों के दौरान मंदिरों में फहराने हेतु श्रीलंका के एक हिंदू कार्यकर्ता इन दिनों एक खास अभियान में जुटे हुए हैं।
कोलंबो, 19 मार्च (आईएएनएस)। प्राचीन नंदी ध्वज को धार्मिक आयोजनों और उत्सवों के दौरान मंदिरों में फहराने हेतु श्रीलंका के एक हिंदू कार्यकर्ता इन दिनों एक खास अभियान में जुटे हुए हैं।
विश्व शैव परिषद की कोलंबो शाखा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सिन्नादुरई धनपाला का कहना है, "मुस्लिम इस्लामिक झंडा फहराते हैं, बौद्ध भी अपना ध्वज लहराते हैं, परंतु हिंदू अपना धार्मिक ध्वज नहीं फहराते हालांकि उनके पास नंदी ध्वज है।"
धनपाला ने आईएएनएस को बताया, "गत कई वर्षो से श्रीलंका और तमिलनाडु के मंदिरों में नंदी ध्वज फहराने की परंपरा रुक गई है। नंदी के महत्व पर भी अधिक ध्यान नहीं दिया जा रहा है।"
धनपाला के साथी और लेखक वी वार्थासंथरम का कहना है, "नंदी का संबंध भगवान शिव से है। वह उनका वाहन, अभिभावक और प्रमुख शिष्य भी है। भारतीय पुराणों में नंदी धर्म और नैतिकता का द्योतक है।"
धनपाला कहते है, "पिछले 10 वर्षो से मैं शैव दर्शन और धार्मिक अनुष्ठान में नंदी के महत्व को समझाने की कोशिश कर रहा हूं। धार्मिक उत्सवों के दौरान मंदिर के शीर्षस्थों द्वारा नंदी ध्वज फैलाना समूचे कार्यक्रम का महत्वपूर्ण अंश होता है।"
इस विषय पर धनपाला की पुस्तक द सिग्निफिकेंस एंड ग्लोरी ऑफ द नंदी फ्लैग तमिलनाडु में मदुरई में चौथी अंतर्राष्ट्रीय शैव सिद्धांत कांफ्रेंस के दौरान जारी की जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस
**