सरबजीत को बचाने के कूटनीतिक प्रयास
सबरजीत सिंह को वर्ष 1990 में लाहौर और मुल्तान में बम धमाकों के आरोप में 17 वर्ष जेल में बिताने के बाद एक अप्रैल को फांसी पर लटकाये जाने की आधिकारिक घोषणा की गयी है.
सूत्रों ने बताया कि भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों को इंगित किया है मौजूदा परिस्थिति में सरबजीत को फांसी पर लटकाना हालात से निपटने का सबसे बढ़िया तरीका नहीं हो सकता.
लाहौर स्थित कोट लखपत जेल के अधीक्षक जावेद लतीफ समेत आला अधिकारियों ने कल कहा था कि उन्हें सरबजीत के लिए डेथ वारंट मिला है. सरबजीत पिछले 17 वर्षों से जेल में बंद है और उन्हें एक अप्रैल को फांसी पर लटका दिया जाएगा.
सरबजीत के वकील राणा अब्दुल हामिद ने कल कहा था कि सरबजीत को बचाने के लिए अब कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है.
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