तिब्बत में चीनी दमन से दिल्ली के तिब्बतियों में रोष
नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। इनके परिवारों ने अपना वतन करीब 50 साल पहले छोड़ दिया पर मातृभूमि तिब्बत उनके लिए बहुत मायने रखती है। यही कारण है कि तिब्बत में चीनी दमन को लेकर दिल्ली के तिब्बतियों में खासा रोष है।
नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। इनके परिवारों ने अपना वतन करीब 50 साल पहले छोड़ दिया पर मातृभूमि तिब्बत उनके लिए बहुत मायने रखती है। यही कारण है कि तिब्बत में चीनी दमन को लेकर दिल्ली के तिब्बतियों में खासा रोष है।
राजधानी दिल्ली में तिब्बतियों के बीच आम बहस का विषय है कि तिब्बत में प्रदर्शनों का निर्ममता के साथ दमन किया जा रहा है।
हालांकि इन तिब्बतियों के निर्वासित आध्यात्मिक नेता दलाई लामा चीन की कम्युनिस्ट सरकार के प्रति कूटनीतिक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं पर दिल्ली विश्वविद्यालय के पास स्थित मजनू के टीला में बसी तिब्बतियों की एक प्रमुख बस्ती में ज्यादातर लोग काफी दुखी हैं।
एक शरणार्थी जम्पा ने कहा कि शरणार्थियों का जीवन बहुत कष्टकारी होता है और वे लोग तो बीते पांच दशकों से इस कष्ट को झेल रहे हैं। इसके बावजूद जम्पा ने कहा कि तिब्बत को स्वतंत्र कराने के लिए प्रदर्शनों को जारी रखा जाएगा।
तिब्बती छात्रा डोल्मा ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि स्वतंत्रता के लिए कुछ दशकों से लगातार संघर्ष चल रहा है। डोल्मा के मुताबिक 17 लाख लोगों की मौत और निर्वासन के बाद हमारा समुदाय शांत बैठा नहीं रह सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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