..तो हिमालय के ग्लेशियर हो जाएंगे गायब
न्यूयार्क, 18 मार्च (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिमालय के ग्लेशियर बहुत तेजी से पिघल रहे हैं और कुछ दशकों के भीतर ये ग्लेशियर गायब हो जाएंगे।
संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) से जारी रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इससे 75 करोड़ प्रभावित होंगे जो ग्लेशियर के पिघलने और इसके अनुप्रवाह के जल पर निर्भर हैं।
यह रिपोर्ट स्विटजरलैंड के ज्युरिख विश्वविद्यालय के वर्ल्ड ग्लेशियर मोनिटरिंग सर्विस (डब्ल्यूजीएमएस) केंद्र के शोध पर आधारित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यही हालात रहे तो गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियां मौसमी नदियों में बदल जाएंगी। इसका परिणाम यह होगा कि गरीबी बढ़ जाएगी और क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं को बहुत नुकसान होगा।
यूनेप की रिपोर्ट के मुताबिक हिमालय और हिन्दुकुश क्षेत्र के लोगों पर पानी की कमी के कारण बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा।
रिपोर्ट में पर्वत श्रृंखला के 30 क्षेत्रों के आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि ग्लेशियरों के पिघलने की दर कुछ सालों में बढ़ गई है। 2006 में ग्लेशियर 1.4 मीटर की औसत से सिकुड़ा, जिसका 2005 में औसत आधा मीटर था और अस्सी-नब्बे के दशक में तो इसका औसत महज 0.3 मीटर था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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