तीन बार कहने से नहीं होगा तलाक
मुस्लिम महिला पर्सनल ला बोर्ड ने ई मेल, एसएमएस, फोन और इंटरनेट से होने वाले तलाक को भी मानने से इन्कार किया है तथा कहा है कि अब तलाक के लिये पति और पत्नी को तीन माह का समय दिया जायेगा कि वह इस बीच अपने विवाद खत्म कर लें.
यदि इस तीन माह में भी विवाद खत्म नहीं होता तो ही तलाक होना माना जायेगा. इस तीन महीने के दौरान पति पत्नी साथ रहेंगे. आल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल ला बोर्ड का मानना है कि इस नये निकाहनामें में महिला और पुरूष को बराबर के अधिकार दिये गये हैं.
निकाह के साथ ही एक फार्म भी भरा जायेगा जो मैरेज ब्यूरो में जमा होगा तथा इस पर पति-पत्नी और काजी के हस्ताक्षर होंगे. किसी तरह का विवाद होने पर यह एक कानूनी दस्तावेज होगा.
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