मंत्री विशेष से प्रश्न नही पूछना उचित संसदीय परिपाटी नही. अध्यक्ष
रायपुर 13 मार्च.वार्ता. छत्तीसगढ विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने सदस्यों द्वारा सदन में मौजूद होने के बावजूद भी किसी मंत्री विशेष से प्रश्न नही पूछने को उचित संसदीय परम्पराओं के विरूद्व करार दिया है
अध्यक्ष श्री पाण्डेय ने कांग्रेस सदस्यों के आज सदन में मौजूद होने के बावजूद राजस्व. संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से प्रश्न नहीं पूछने के निर्णय पर अपनी व्यवस्था देते हुये कहा कि प्रश्न एक महत्वपूर्ण संसदीय प्रक्रिया है जिसके माध्यम से सदस्य शासन से जानकारी प्राप्त करते है1प्रश्नों क ी जानकारी के संकलन में शासन को काफी व्यय भी करना होता है
अध्यक्ष ने सदस्यों के आचरण सम्बन्धी मार्गदर्शी सिद्वान्तों का जिक्र करते हुये कहा कि..जब किसी सदस्य का प्रश्न प्रश्नोत्तरी सूची में तारांकित प्रश्न के उत्तर के रूप में मुद्रित होता है तब उस सदस्य को बिना अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के अनुपस्थित नही होना चाहिये1. इसका स्पष्ट आशय यह है कि प्रश्न करने के उपरान्त अनुपस्थित रहना नही करने योग्य कायो की श्रेणी में आता है
उन्होंने कहा कि यदि कोई सदस्य किसी मंत्री के बहिष्कार के रूप में प्रश्न नही पूछना चाहते है तो उचित यहीं होगा कि वह सभा से बाहर चले जाये1 उन्होंने कहा कि संसदीय व्यवस्था में सभा के अन्दर विरोध का यह तरीका मान्य नही किया जा सकता1 सभा से बहिर्गमन अथवा बहिष्कार एक स्थापित तीखे विरोध की प्रक्रिया है
उल्लेखनीय है कि संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के आयोजन राजिम कुंभ में विहिप नेता रामविलास वेदान्ती ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गंाधी एवं प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं के विरूद्व अमर्यादित टिप्पणी की थी जिसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने श्री अग्रवाल से प्रश्न नही पूछने की घोषणा की थी1कांग्रेस सदस्यों ने श्री अग्रवाल के विभागों की अनुदानमांगों पर हुई चर्चा में भी हिस्सा नही लिया
साहू जोरा जगबीर1800वार्ता