महाराष्ट्र विधान मंडल में गूंजा किसानों की आत्महत्या का मामला
मुंबई 12 मार्च.वार्ता. विपक्ष ने आज महाराष्ट्र विधान मंडल के दोनोंही सदनों में राज्य के किसानों की आत्महत्या को लेकर सरकार कोघेरने का जोरदार प्रयास किया जिसके चलते विधान परिषद कीकार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी1 विधान परिषद में प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष एवं भारतीय जनतापार्टी के नेता पाडुंरेग फुडंकर ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि संसद मेंगत 29 फरवरी को पेश बजट में मंौले और छोटे किसानों के बैंक कर्जकी माफी की घोषणा के बाद भी राज्य में किसानों की आत्महत्या कासिलसिला जारी है1 उन्होंने इस मुद्दे पर तत्काल सदन के नियम 289 केतहत चर्चा कराने की मांग की1 मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख का कहना था कि इस बारे में केन्द्रसरकार द्वारा ब्यौरा दिए जाने के बाद ही सदन में कोई चर्चा करायी जासकती है1 मुख्यमंत्री के रूख से असंतुष्ट होकर विपक्षी भारतीय जनतापार्टी और शिवसेना के सदस्यों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया और वेसदन के सभापति के आसन तक चले गए1इस कारण सभापतिशिवाजीराव देशमुख को सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़गयी1 तीसरे स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही तभी चल सकी जबविपक्षी सदस्य सरकार विरोधी नारे लगाते हुए बर्हिगमन कर गए1 विधान सभा में भी विपक्ष एवं शिवसेना के नेता रामदास कदम नेचालू बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के प्रति कांग्रेस के नितिनराऊत द्वारा पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रारम्भ हुई बहस में भाग लेते हुएकहा कि केन्द्रीय बजट में की गयी घोषणा नाकाफी है और इससे पांचएकड़ से अधिक भूमि वाले राज्य के 17 लाख किसानों को कोईफायदा नहीं होगा1 श्री कदम ने दावा किया कि इस बार के पेश केन्द्रीय बजट के बाद सेराज्य में 30 किसानों ने आत्महत्या की है1 उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेसके नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ्रबजट की घोषणाका श्रेय लेना चाहती है तो उसे राज्य में पिछले चार वर्ष में पांच हजारकाश्तकारों की खुदकुशी की भी जिम्मेवारी लेनी होगी1 चन्द्र .त्रिपाठी 1948वार्ता