माकपा कार्यालय पर हमले पर लोकसभा में हंगामा

By Staff
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नई दिल्ली, 10 मार्चः मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दिल्ली स्थित मुख्यालय पर कल हुए हमले के लिये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आज लोकसभा में जहां अपने विरोधियों की कड़ी आलोचना का शिकार होना पड़ा वहीं उसके सहयोगी दलों ने भी इस घटना को गलत बताया.

शून्यकाल में यह मामला उठने पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दलों, वामदलों, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, तथा अन्य दलों ने इस घटना की एक स्वर में निंदा की और कहा कि इससे भाजपा का फासिस्ट चेहरा उजागर हो गया है.

भाजपा के सहयोगी दलों जनता दल (यू), बीजू जनता दल तथा तृणमूल कांग्रेस ने माकपा कार्यालय पर हमले को गलत बताते हुये इसे लोकतंत्र के लिये खतरनाक बताया. भाजपा के विजय कुमार मल्होत्रा का आरोप था कि माकपा कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कार्यालय के अंदर से पथराव किया गया जिससे कई लोग घायल हो गये.

सदन के नेता और विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस घटना की निंदा करते हुये कहा कि किसी राजनीतिक दल के कार्यालय के हमले की बात लोकतंत्र में स्वीकार नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि कल की घटना की जांच की जा रही है तथा इसका काम पूरा होने के बाद ही सरकार इस बारे में सदन में कुछ कहने की स्थिति में होगी.

भाजपा और वामदलों के बीच कई बार झडप हुई. एक बार हंगामें की स्थिति उत्पन्न हो जाने पर अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने सदन की कार्यवाही 45 मिनट के लिये स्थगित कर दी. इस मामले पर चर्चा के दौरान भाजपा के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर लगातार नारेबाजी करते रहे.

इसी मौके पर माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और सदन में पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने हमले की घटना को पूरे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए इसके लिए जिम्मेदार भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सरकार से मांग की.

उन्होने कहा कि हमले के लिए केरल की घटनाओं को बहाना नही बनाया जा सकता क्योंकि राज्य में उनकी पार्टी के 10 कार्यकर्ता संघ के लोगों के हाथों मारे गए हैं. येचुरी ने गृह मंत्री शिवराज पाटिल से यह भी पूछा कि माकपा मुख्यालय के आसपास पुलिस का पुख्ता बंदोबस्त क्यों नहीं था.

भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने मौके का फायदा उठाते हुए केरल में संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं पर माकपा की ओर से लगातार हो रहे हमलों का जिक्र किया. इस पर माकपा और भाजपा सदस्यों में तीखी नोकझोंक हुई.

इसपर उप सभापति के रहमान खान ने कहा कि चर्चा माकपा मुख्यालय पर हमले की घटना को लेकर होनी चाहिए तथा केरल की घटनाओं का सिर्फ हवाला दिया जा सकता है. इस पर नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी की ओर से केरल की कानून व्यवस्था की स्थिति पर नोटिस दिया गया है तथा उन्हे इस मुद्दे पर बोलने का पूरा हक है.

नायडू ने दावा किया कि माकपा मुख्यालय पर प्रदर्शन करने गए भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं पर छत से पथराव किया गया. उन्होंने गृह मंत्री से जानना चाहा कि घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में भेदभाव क्यों बरता गया. उन्होने कहा कि घटना में उनकी पार्टी के लोग भी घायल हुए हैं जिन्हे अस्पताल में दाखिल कराया गया है. गृह मंत्री को इस बात की जानकारी होनी चाहिए.

कांग्रेस के वी नारायण सामी ने कहा कि हमले से पहले भाजपा और संघ के कार्यकर्ता हिन्दू महासभा के कार्यालय में एकत्र हुए थे. गृह मंत्री को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए. उन्होंने भाजपा सदस्यों की भारी टोकाटोकी के बीच संघ पर प्रतिबंध लगाने की सरकार से मांग की.

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