मुद्रास्फीति दस माह के उच्च स्तर पर
फल सब्जियों दूध एवं मोटे अनाज सहित कुछ खाद्य उत्पादों एवं कुछ विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में तेजी के कारण यह बढ़ोतरी दर्ज की गई. सरकारी आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर एक साल पहले 6.02 प्रतिशत थी.
पिछले दस माह में यह पहली बार है कि मुद्रास्फीति की दर पांच प्रतिशत को पार कर गई है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके इसी यानी पांच प्रतिशत के सहनीय दायरे में रहने का अनुमान व्यक्त किया है.
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य सौमित्र चौधरी ने कहा कि तेल कीमतों के कारण ऐसा तो होना ही था यह कुछ समय के लिये पांच प्रतिशत पर बनी रह सकती है.
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