महिलाओं का वेतन पुरूषों के मुकाबले कम: आईएलओं
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जारी "ग्लोबल इंप्लायमेंट ट्रेंडंस फ्रा वीमेन मार्च 2008" रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में रोजगार प्राप्त महिलाओं की संख्या 20 करोड तक बढ़ी है. वर्ष 2007 में श्रमशील महिलाओं की संख्या 1.2 अरब तक पहुंच गई थी जबकि पुरूषों में यह संख्या 1.8 अरब थी लेकिन यह भी विडंबना ही है कि बेरोजगार महिलाओं की संख्या भी इस अवधि में सात करोड़ दो लाख से बढ़कर आठ करोड़ 16 लाख के करीब पहुंच गई है.
आईएलओं के महानिदेशक हुआन सोमाविया कहते है कि विश्व की श्रमशक्ति में महिलाओं की संख्या लगातार बढ रही है, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में काफी मुश्किले मौजूद है.
आईएलओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व के श्रम बाजारों में महिलाओं की स्थिति में आये सुधार के परिणामस्वरूप कार्यस्थल पर लिंग भेद में कोई खास अंतर नहीं आया है. संवेदनशील रोजगार में महिलाओं की हिस्सेदारी वर्ष 1997 से कम हुई है. विश्व स्तर पर महिलाओं की बेरोजगारी का प्रतिशत 6.4 है जबकि पुरूषो का 5.7 है.
पिछले एक दशक में सेवा क्षेत्र में महिलायें कृषि क्षेत्र की अपेक्षा सेवा क्षेत्र में अधिक सलंग्न हुई है. वर्ष 2007 में कृषि क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 36.. था जबकि सेवा क्षेत्र में 46.3 था. तुलानात्मक रूप से पुरूषो की हिस्सेदारी कृषि क्षेत्र में 34.0 प्रतिशत थी जबकि सेवा क्षेत्र में 40.4 थी.
नयी अध्ययन रिपोर्ट संकेत देती है कि पुरूषों और महिलाओं के बीच समानता लाने में श्रम बाजार निर्णायक भूमिका निभा सकता है. पूर्वी एशिया में महिलाओं ने रोजगार के क्षेत्र में ज्यादा तरक्की की है, लेकिन विकासशील देशों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये अभी काफी प्रयास करने जरूरी है. महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने से समाज का विकास भी होता है.