35 साल बाद घर पहुंचे कश्मीर सिंह
पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से क्षमादान पाने के बाद जासूसी के मामले में अभियुक्त 67 वर्षीय कश्मीर सिंह ने आज अपराह्न 12 बज कर 45 मिनट पर अपनी धरती की माटी पर कदम रखा. उन्हें पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री अंसार बर्नी और अधिकारियों ने अलविदा कहा.
हिंदुस्तानी सरजमीन पर कदम रखने के तुरंत बाद सिंह को बीएसएफ के कान्फ्रेंस हाल में ले जाया गया जहां उनसे मिलने परिजन मौजूद थे. उनमें उनकी 65 वर्षीया पत्नी परमजीत कौर भी शामिल थीं जिन्होंने इस क्षण के इंतजार में 35 साल का एक तवील फासला आंखों-आंखों में काटा था.
परमजीत शुक्रवार से ही अपने जीवनसाथी से मिलने के उस रोमांचक क्षण का इंतजार कर रही थी और इस बार का कुछ ही घंटों में सिमटा इंतजार 35 साल के इंतजार से भी ज्यादा तवील था.
सरहद पर पहुंचने के तुरंत बाद पंजाब पुलिस के कांस्टेबल रह चुके कश्मीर सिंह ने एक लंबी सांस भरते हुए कहा मेरी अब कोई तमन्ना नहीं बाकी है. मुझे सब कुछ मिल गया. मैं पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और मानवाधिकार मंत्री अंसार बर्नी का शुक्रगुजार हूं.