कुछ खास प्रजातियों से है वर्षा-वनों को खतरा
कार्नेगी संस्थान के अनुसंधानकर्ताओं ने वायु में मौजूद एक अत्याधुनिक वेधशाला के जरिए हवाई प्रांत के वर्षा वनों का अध्ययन किया। इस अध्ययन के तहत उन्होंने चेतावनी दी है कि वनों में उगने वाली वृक्षों की बाहरी या घुसपैठी प्रजातियां मूल प्रजातियों और वन के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।
नेशनल अकेडमी आफ साइंसिज की पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने कार्नेगी एयरबोर्न आबसर्वेट्री (सीएओ) में उपलब्ध रिमोट सेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया।
प्रमुख अध्ययनकर्ता ग्रेग्ररी एन्सर के अनुसार, "वृक्षों की ये खास प्रजातियां जैविक प्रवृत्तियों व आकार-प्रकार के मद्देजनर मूल प्रजातियों से बेहद अलग होती हैं। इसके चलते वह अपने आसपास के परिवेश में बदलाव का कारण बनती हैं।"
अध्ययन के तहत हवाई प्रांत के 850 वर्ग मील में फैले वर्षा-वनों में उग आए गैर वर्षा-वन्य प्रजातियों के प्रभाव का अध्ययन किया। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार वेधशाला की मदद से ली गई वृक्षों की छाप को त्रि-आयामी चित्रों से जोड़कर वर्षा-वनों में हो रहे बदलावों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।