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खाद्य तेल की कीमतों में भारी उबाल उपभोक्ता बेहाल

By Staff
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नयी दिल्ली.02 मार्च.वार्ता. उफनती खाद्य तेलों की कीमतों को लेकर आम उपभोक्ता बेहाल है और सरकार ने यदि इनको काबू में करने के लिए तुरत.फुरत ठोस कदम नहीं उठाये तो आने वाले दिनों में दामों को रोक पाना उसके लिये टेढी खीर साबित हो सकता है

थोक बाजारों में पिछले एक सप्ताह में सरसों और सोयाबीन जैसी प्रमुख खाद्य तेलों की कीमतों में 600 से लेकर 1000 हजार पए प्रति क्विंटल की भारी तेजी आ चुकी है 1 नित बढी रही कीमतों को लेकर उपभोक्ता खासे परेशान हैं1 बाजार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में जो हालात है उसे देखकर इन कीमतों को काबू करना पाना बहुत मुश्किल लग रहा है 1 यही हाल रहा और सरकार ने जल्दी ही कोई ठोस कदम नहीं उठाये तो सरसों तेल और सोयाबीन जैसे पचने में हल्के साफ्ट तेलों की स्थिति बहुत खराब हो जायेगी

सूत्रों का कहना है कि काफी पहले से ही विश्व में इस वर्ष सोयाबीन के उत्पादन में कमी का अनुमान व्यक्त किया गया था 1 हालांकि चालू तेल वर्ष में देश में इसकी रिकार्ड पैदावार हुई किंतु वायदा बाजार में सट्टेबाजी का जोर रहने और जान बूकर भाव अंतर्राष्ट्रीय स्तर से नीचे रखने के कारण पिछले कुछ महीनों में सोयाबीन तेल का आयात नगण्य रह गया और अब जब देश में सोयाबीन का स्टाक करीब .करीब निबट चुका है .तो विश्व बाजार की तेजी को देखते हुए खाद्य तेलों की कीमतों में तूफान मचा हुआ 1 स्थानीय थोक बाजार में खाद्य तेल से जुडे कारोबारियों के मुताबिक विश्व में इस वर्ष सोयाबीन का उत्पादन पिछले साल के साढे तेईस करोड टन की तुलना में डेढ से दो करोड टन कम होने का अनुमान व्यक्त किया गया था1 सरकार की तरफ से जारी दूसरे अगि्रम अनुमानों के तहत देश में सोयाबीन का उत्पादन 2007..08 के दौरान पिछले साल के 88 लाख 50 हजार टन की तुलना में बढकर 94 लाख 50 हजार टन होने का अनुमान व्यक्त किया गया है 1 कारोबारियों का कहना है कि ऐसे में यदि तेल वर्ष की शुआत से ही सही अनुमान लगाकर वायदा बाजार चलता तो आज यह स्थिति नहीं होती 1 खाद्य तेलों की ऊंची कीमतों को देखते हुए यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि बजट में आयात शुल्क में कमी हो सकती है . किंतु बजट पेश होने के बाद कीमतों को रोक पाना मुश्किल हो रहा है1 शुक्रवार के कामकाज में वायदा बाजार में इतनी अधिक तेजी रही कि चार प्रतिशत का सकिट ब्रेकर लगाना पडा 1 वायदा बाजारों में मार्च के लिए सोयातेल 674.20 पए प्रति दस किलो और अप्रैल का 684.40 पए प्रति दस किलो बोला गया 1 मलेशिया में मई का वायदा भाव 4013 रिंगिट का रिकार्ड बनाने के बाद 3999 रिंगिट प्रति टन बोला गया 1 मजे की बात यह मलेशिया और इंडोनेशिया में पामोलीन का उत्पादन बढा है . किंतु सोयाबीन तेल के ऊफान को देखते हुए यह भी निरंतर भडक रहा है

वर्तमान में सोयाबीन की सबसे बडी मंडी शिकागो से कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन डीगम का पहुंच भाव 1600 डालर प्रति टन के आसपास है1 इस पर 232 डालर प्रति टन का आयात शुल्क . एक हजार पए प्रति टन बंदरगाह और ढाई पए प्रति किलो परिष्कृत करने का खर्चा है 1 इस प्रकार एक किलो आयातित सोयाबीन तेल की कीमत 76 पए प्रति किलो बैठती है

मिश्रा .सत्या प्रेम .1344जारी वार्ता

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