संसद. आर्थिक समीक्षा पांच अंतिम लोस.रास
अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर समीक्षा कहती है कि यह उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर है1 वर्ष 2003..04 से सकल घरेलू उत्पाद .जीडीपी. में बाजार मूल्य पर 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर बनी हुई है1 घरेलू निवेश और बचत दर में इस कदर वृद्धि हो रही है कि 11वीं योजना के 9 प्रतिशत के आर्थिक वृद्धि लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा1 निवेश माहौल उम्मीदों के अनुप बना हुआ है1 समीक्षा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की धीमी गति के पीछे ज्यादातर क्षेत्रों में नरमी आना रहा है1 बिजली. सामुदायिक सेवाओं और ब्याज.होटल. परिवहन और संचार सेवाओं को छोडकर अन्य क्षेत्रों में गति धीमी हुई है1 कृष िक्षेत्र में रबी मौसम की फसल कम होने से कृष िक्षेत्र की वृद्धि 3.8 से घटकर 2.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि विनिर्माण क्षेत्र में 12 से घटकर 9.4 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन में 12 से घटकर 9.6 प्रतिशत रह जाने का अनुमान लगाया गया है1 औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में उपभोक्ता सामानों की मांग में आई गिरावट विनिर्माण और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की वृद्धि दर में करीब ढाई प्रतिशत की कमी के लिये अहम् वजह रही है
समीक्षा में कहा गया है कि कृष िक्षेत्र की वृद्धि अभी भी मानसून पर निर्भर है1 यही वजह है कि इसमें घटबढ का क्रम बना रहता है1 हालांकि 2007..08 में समाप्त पांच सालों में इस बार इसकी घटबढ का अंतर काफी कम रहा है1 दसवीं योजना में कृष िक्षेत्र में कुल मिलाकर 2.5 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर्ज की गई1 इसमें कहा गया है कि सकल घरेलू उत्पाद में कृष िक्षेत्र का योगदान 24 से घटकर अब 17.5 प्रतिशत रह गया है
केन्द्र सरकार की राजस्व प्राप्तियों में अच्छी बढत बनी हुई है1 इसकी बदौलत वित्तीय जबावदेही और बजट प्रबंधन कानून .एफआरबीएम. की तय सीमाओं में रहकर सरकार के आय व्यय का प्रबंधन संभव हो पा रहा है1 वर्ष 2006..07 की आखिरी छमाही में महंगाई की रफ्तार काफी बढ गई थी. विश्व बाजार में खाद्य जिंसों के दाम बढने और पूंजी प्रवाह तेज होने के बावजूद इस पर इस साल प्रभावी ढंग से अंकुश रखा गया
महाबीर मिश्रा वीरेन्द्र1345 वार्ता