वर्ष 2008..09 में निर्यात क्षेत्र की कठिनाई बढ समती है.. समीक्षा
नई दिल्ली 28 फरवरी.वार्ता. आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अगला वित्त वर्ष निर्यात क्षेत्र के लिए पिछले वषाे जैसा उज्जवल संभावनाओं वाला नहीं रहेगा
इसी संबंध में निर्यात क्षेत्र की नीतियों में में बुनियादी बदलाव की आवश्यकता बताते हुए कहा गया है कि वाणिज्यिक व्यापार क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए आयात शुल्क की दरों में कमी का सिलसिला आगे बढाने की नीति जारी रखने. शुल्क छूट की योजनाओं की समीक्षा कर अनावश्यक योजनाओं को खत्म करने. विशेष आर्थिक क्षेत्रों .एसईजेड. के प्रसार पर अंकुश लगाने तथा द्विपक्षीय व्यापार समौतों के लिए स्पष्ट नीति बनायी जानी चाहिए1 समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात शुल्क की दरें कम होनी चाहिए और शुल्क में छूट की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर बेकार की योजनाओं को खत्म करने की जरूरत है1 इसमें कहा गया है कि आयात शुल्क कम होने से ऐसी योजनाएं यूं भी अनावश्यक हो गयी हैं
समीक्षा में कहा गया है कि भारत को कुछ विकसित देशों के साथ व्यापक आर्थिक सहयोग समौता. सीका. करने के लिए स्पष्ट और लाभदायक नीति बनानी चाहिए और शुल्क मुक्त व्यापार एफटीए और वरीयता व्यापार समौते तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए1 रिपोर्ट में ऐसे समौतों को देश की व्यापार और आर्थिक नीति तथा विश्व व्यापार संगठन .डब्ल्यूटीआे. वार्ताओं के कारण होने वाले संभावित परिवर्तन का हिस्सा बनाया जाना चाहिए
समीक्षा में कहा गया है कि सकल घरेलू उत्पाद .जीडीपी. वृद्धि दर में कमी तथा विश्व भर में आयात की रफ्तार गिरने और विनियम दर की स्थितियों के कारण 2008..09 निर्यात क्षेत्र के लिए पहले जैसी अच्छी संभावनाओं वाला नहीं है1 इसमें अमरीका को होने वाली निर्यात की वृद्धि में सामान्य गिरावट तथा अमरीका और यूरोपीय संघ को कपडे के निर्यात पर विशेष रूप से ध्यान देने पर जोर दिया गया है1 मनोहर.मिश्रासुनील1644जारी वार्ता