अदालतों के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन कर रहा केंद्र: गुजरात सरकार
नयी दिल्ली. 28 फरवरी .वार्ता. आतंकवादी गतिविधियों में शामिल अभियुक्तों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधि निरोधक कानून.पोटा. के तहत लगे आरोपों की समीक्षा के लिए समिति गठित करने पर कडा ख अपनाते हुए गुजरात सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय में केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन.संप्रग. सरकार पर अदालतों के अधिकार क्षेत्रों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया
मुख्य न्यायाधीश के.जी.बालकृष्णन ् न्यायमूर्ति आर.वी.रवीन्द्रन और न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी की खंडपीठ के समक्ष गुजरात सरकार के वकील ने दलील दी कि केंद्र सरकार अदालतों के अधिकार क्षेत्र से परे पोटा समीक्षा समिति का गठन नहीं कर सकती
गुजरात सरकार का कहना था कि संसद को कानून बनाने का अधिकार है. लेकिन वह विधिसम्मत प्रक्रिया को अमान्य करने के लिए कानून नहीं बना सकती1 कोई भी सरकार समीक्षा समिति गठित कर तथा आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के प्रथम दृष्टया साक्ष्य नहीं होने की सिफारिश कर विधिसम्मत प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती
गुजरात के वकील ने अदालत के समक्ष कहा कि राज्य में दर्ज पोटा के मामलों की समीक्षा के लिए केंद्र द्वारा समिति का गठन अदालतों की सीमा लांघने के अलावा कुछ नहीं है. जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती1ऐसी समिति की सिफारिशों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए और यह पूरी तरह अदालतों पर छोड देना चाहिए कि अभियुक्त पोटा के तहत आरोपित किया जाए अथवा नहीं
गौरतलब है कि केंद्र की इस समिति की सिफारिशों को नहीं मानने संबंधी गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार का समर्थन हासिल है
गुजरात की नरेन्द्र मोदी सरकार ने मोहम्मदुसेन. अब्दुल रहीम कलूटा शेख . हरपाल सिंह . एन.ाला . मोहम्मद रिजवान. मो. इशाक उर्फ लड्डूवाला . अनुसूया बेन . सदाशिव जादव और प्रहलाद प्रभुदास पटेल और अन्य समेत सभी अभियुक्तों के खिलाफ लगे पोटा के आरोप वापस लेने से इंकार कर दिया है
अदालत में आज बहस पूरी नहीं हो सकी और आगामी चार मार्च को फिर सुनवाई होगी
रंजीत रीता अजय रामलाल1938वार्ता