कोर्ट ने दिया जोधा-अकबर से रोक हटाने के आदेश
यूटीवी ने फिल्म पर राज्य सरकार द्वारा लगाई रोक के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी. खंडपीठ ने राज्य सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया कि इस फिल्म को राज्य में दिखाए जाने से शांति-व्यवस्था भंग होगी. राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता रविनन्दन सिंह ने प्रतिनिधित्व किया.
गौरतलब है कि न्यायाधीश शांतनु शरद केमकर ने सोमवार को मुख्य न्यायाधीश पटनायक से यह अनुरोध किया था कि इस याचिका को एक खंडपीठ को सौंप दिया जाए, क्योंकि अदालत के फैसले से पूरे राज्यभर में इस फिल्म के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है.
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से फिल्म "जोधा अकबर" के प्रदर्शन पर रोक हटाने के फैसले का फिल्म के निर्देशक आशुतोष गोवारीकर ने स्वागत किया है. गोवारीकर ने कहा कि उनकी फिल्म दो संस्कृतियों और दो धमो के बीच प्रेम को दर्शाती है और 450 वर्ष पुरानी प्रेम कहानी से आज भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है.
गोवारीकर ने दोहराया कि किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना उनका उद्देश्य नहीं था इसलिये फिल्म की शुरुआत में यह सूचना भी दी गयी है कि फिल्म काल्पनिक है. मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म के प्रदर्शन पर कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के कारण पिछले दिनों रोक लगा दी थी. इस रोक के खिलाफ वितरकों ने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी.
फिल्म
की
सहनिर्माता
और
वितरक
कंपनी
यूटीवी
मोशन
पिक्चर्स
के
निदेशक
सिद्धार्थ
रॉय
कपूर
ने
भी
अदालत
के
फैसले
का
स्वागत
करते
हुए
बताया
कि
हम
तुरंत
वहां
फिल्म
का
प्रदर्शन
फिर
से
शुरू
कर
रहे
हैं.