अदालतों को नागरिक अधिकारों और आजादी की रक्षा करनी चाहिए.
नई दिल्ली ्26 फ्रवरी.वार्ता. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि अदालतों को नागरिक अधिकारों और व्यक्ति की आजादी की निश्चित रुप से रक्षा करनी चाहिए
न्यायमूर्ति एच के सेमा और न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू की पीठ ने कल एक फ्ैसले में कहा कि न्यायाधीशों को आथिक मामलों की सुनवाई करते समय संयम बरतना चाहिए
आंध प्रदेश सरकार द्वारा 1988 के अधिनियम अष्ठम में संशोधित किये जाने पर भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा 47 ए की वैधता बरकरार रखते हुए पीठ ने कहा कि न्यायाधीशों को आर्थिक मामलों में फैसला देते समय ज्यादा संयम बरतना चाहिए1 उन्हें नागरिकों की आजादी और उनके अधिकारों पर विशेष ध्यान देना चाहिए
न्यायालय ने फ्ैसले के अंत में कहा कि अभिव्यक्तिकी आजादी ्लेखन की आजादी ्सोचने की आजादी ् आलोचना की आजादी जैसे सभी बुनियादी अधिकारों की रक्षा किए बिना तरक्की संभव नहीं है
श्रवण अभिनव सुरेश अजय 1924.वार्ता.