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मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि डीसीआई ने इससे पूर्व भी संस्थान को मान्यता नही दी थी जिसके बाद उन्होंने न्यायालय की शरण ली थी1 अब डीसीआई उसे मुद्दा बना रही है कि न्यायालय क्यों गये1 श्री मुदलियार ने इस पर प्रतिवाद करते हुये कहा कि डीसीआई ने जो आपत्तियां की है वह इससे पूर्व भी प्रत्येक वर्ष यहीं आपत्तियां लगाती रही है परंतु इसकी संस्थान ने अनदेखी की1संस्थान को 100 बेड का चिकित्सालय खोलना था लेकिन वह भी नहीं खोला गया
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डीसीआई एवं एमसीआई का रवैया बहुत ही खराब है और इससे छत्तीसगढ़ ही नहीं दूसरे राज्य भी त्रस्त हैं1 पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रियों की हुई बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष भी यह मामला उठा था जिस पर उन्होंने स्वीकार किया था कि.. एमसीआई एवं डीसीआई..के अधिकारों को नये सिरे से परिभाषति करने की जरूरत है
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय संस्थानों के बारे में बहुत कुछ कहना उचित नहीं समते पर उनका जो रूख है उससे तो डेंटल और मेडिकल कालेज निजी क्षेत्र तो दूर राज्य सरकारों के लिये खोलना आसान नहीं है1 उन्होंने राजनांदगंाव संस्थान का जिक्र करते हुये कहा कि संस्थान का अस्पताल अगर शुरू नहीं हुआ है तो राज्य सरकार ने जिला अस्पताल में संस्थान के छात्रों को प्रैक्टि्स की अनुमति दे रखी है
उन्होंने कहा कि संस्थान प्रबन्धन द्वारा डीसीआई से मान्यता हासिल करने का प्रयास कर रहा है और छात्रों ने भी उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर रखी है जहां से एक माह के भीतर केन्द्र सरकार एवं डीसीआई का पक्ष देने को कहा गया है1 उन्होंने संस्थान पर कोई कार्रवाई करने से यह कहते हुये मना कर दिया कि..संस्थान में राज्य सरकार की जांच में कोई कमी पायी ही नहीं गयी तो फिर इसका प्रश्न कहां उठता है1.. साहू मुकेश मनोरंजन 1828 वार्ता.