भारत और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता नहीं ..यान
कोलकाता 26 फरवरी.वार्ता. भारत में चीनी राजदूतांग यान ने दोनों देशों के बीच किसी तरह की प्रतिद्वंद्विता से इंकार करते हुए भारत से निर्यात को बढावा देने और परस्पर व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए नई रणनीति बनाए जाने का आज आह्वान किया
श्री यान ने ..चीन..भारत ट्रेड..ए न्यू होरिजन फार वेस्ट बंगाल.. विषय पर आयोजित सेमिनार के एक सत्र में कहा कि चीन और भारत के बीच सार्थक संबंध न.न. केवल दोनो देशों बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए फायदेमंदहोगा
उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में चीनी प्रधानमंत्री वेन जिआबाआे और वर्ष 2006 में राष्ट्रपति हू जितांआे की भारत यात्रा तथा इस वर्ष जनवरी में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पेईचिंग यात्रा के बाद इन दो पडोसी देशो के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण और अच्छे रहे है
श्री यान ने कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार के लक्ष्य को वर्ष 2010 में 40 अरब डालर से बढाकर 60 अरब डालर निर्धारित कर कहा है कि दोनों पडोसियों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग तीव्र गति से जारी रहेगा
उन्होंने कहा कि दोनो देशो को मानवीय संसाधनों .सूचना प्रौद्योगिकी .वित्तीय तथा सूचना प्रौद्योगिकी और उत्पादन क्षेत्रों में सहयोग को बढावा देना चाहिए
देवेन्द्र अभिनव अजय मनोरंजन 1957 वार्ता.