विदेश. अफगान संगीत दो काबुल..
. अफगान संगीत दो काबुल.. निजी चैनल टोलो टीवी पर गायकी की प्रतियोगिता को बहुत पसंद किया जा रहा है लेकिन ये विवादों से मुक्त नहीं हैं1 ऐसा उदारवादी कदम उठाना खतरनाक हो सकता है1 हालांकि लिमा का कहना है कि उन्हें उनके परिवार का पूरा सहयोग मिल रहा है लेकिन कई लोग उनका विरोध भी कर रहे हैं1 उन्होंने कहा.. मुे डर नहीं लगता है1 अफगान खतरों की परवाह नहीं करते हैं1.. उन्होंने बताया मैं समती हूं कि पूरा अफगानिस्तान ही खतरे में हैं1 लेकिन अगर हम इन खतरों की चिंता करते रहेंगे तो जिंदगी आगे नहीं बढ सकती और देश का विकास भी नहीं हो सकता1 वह इस कार्यक्रम से बाहर न होने वाली अकेली महिला ही नहीं हैं बल्कि वह अकेली पश्तून भी हैं1 एक ऐसे देश में जहां सांस्कृतिक विरासत अब भी बहुत महत्व रखती है1 यानी पश्तून होने का अपना महत्व है1 उन्हें इस कार्यक्रम में कु छ और समय तक बने रहने का विश्वास है
अभ्यास के दौरान स्टूडियो रिकाडिग से पहली रात को अफगान युवाओं को घुलते मिलते देखकर अच्छा लगता है1 वे अपना जीवनस्तर बेहतर करना चाहते हैं1 उनमें से हर एक खडा होता है और अन्य प्रतियोगियों के सामने सप्ताह के पारंपरिक गीत का प्रदर्शन करता है1 की बोर्ड पर उनके गाने के साथ बजती है नये जमाने की ताल और धुनें
अंकुर.शोभितसुनील1842जारी वार्ता